दिल्ली और वाशिंगटन के शीर्ष राजनयिकों के बीच एक बैठक पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट ने खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा के मध्य चल रहे राजनयिक विवाद को दरकिनार कर दिया है।
रीडआउट में कहा गया है कि एंटनी ब्लिंकन और एस जयशंकर ने भारत की G-20 अध्यक्षता और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) के निर्माण सहित "मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला" पर चर्चा की।
वहीं, जयशंकर ने एक्स/ट्विटर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि दोनों देशों के मध्य "व्यापक विचार-विमर्श" हुआ, जिसमें दोनों नेताओं ने वैश्विक घटनाक्रमों पर बातचीत की। जयशंकर ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने शीघ्र होने वाली भारत-अमरीका टू प्लस टू बैठक की रूपरेखा पर भी चर्चा की।
इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ओटावा और दिल्ली के मध्य मनमुटाव वाशिंगटन में बातचीत की मेज पर था, लेकिन इसके संकेत हैं कि इस पर चर्चा भी हुई।
कनाडा ने जयशंकर-ब्लिंकन बैठक का पूर्वावलोकन किया था
इस मध्य, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मॉन्ट्रियल में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें विश्वास है कि ब्लिंकन जयशंकर के साथ भेंट वार्ता करते समय निज्जर मामले को उठाएंगे। कनाडाई प्रधानमंत्री की ये टिप्पणी जयशंकर-ब्लिंकन की बैठक से कुछ घंटे पहले की गई थी।
ट्रूडो ने कहा कि अमेरिकी कनाडा की जांच में नई दिल्ली के सहयोग के बारे में भारत सरकार से बात की थी।
जयशंकर-ब्लिंकन बैठक से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वाशिंगटन भारत से निज्जर विषय से संबंधित कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है।
मिलर ने कहा, “वह स्वयं बोल सकते हैं। निजी राजनयिक वार्तालाप को मैं सार्वजनिक नहीं बता सकता हूं। मैं आपको वही बताऊंगा, जो मैंने कहा। हमने भारत से कनाडा की जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है”।
ज्ञात हुआ है कि फ़ाइव आइज़ (FVEY) ख़ुफ़िया गठबंधन ने (जिसमें अमेरिका भी सम्मिलित है) कनाडा सरकार को निज्जर की हत्या में दिल्ली की कथित भूमिका के बारे में बताया।
कनाडा में खालिस्तान उग्रवाद पर भारत की चिंताएं
जयशंकर ने न केवल खालिस्तान समर्थक नेता की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप से इनकार किया है, बल्कि कनाडा में पनप रहे खालिस्तान उग्रवाद पर गहरी चिंता भी व्यक्त की है।
इस सप्ताह जयशंकर वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशंस (CFR) में भाषण दिया। इसमें उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कि भारत ने खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों पर कई दस्तावेज उपलब्ध किया, ट्रूडो सरकार ने भारत की चिंताओं पर ध्यान देने से इनकार किया।
निज्जर को भारत में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के अंतर्गत 'व्यक्तिगत आतंकवादी' के रूप में नामित किया गया है।
“[उसके और अन्य लोगों के लिए] बड़ी संख्या में प्रत्यर्पण अनुरोध हैं। आतंकवादी नेता हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है," जयशंकर ने कहा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के मध्य बढ़ते विवाद के अंतर्गत पिछले हफ्ते कनाडा को आतंकवादियों, उग्रवादियों और संगठित अपराध के लिए एक सुरक्षित शरण स्थली बताया था। भारत ने कनाडाई शहरों ओटावा, वैंकूवर और टोरंटो में अपने मिशनों से अपनी वीज़ा सेवाओं को निलंबित कर दिया है।