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G7 प्रतिबंधों से हीरा उद्योग में मंदी को लेकर कांग्रेस ने गुजरात में विरोध प्रदर्शन की दी चेतावनी

हीरों पर G7 के प्रतिबंधों ने भारतीय राज्य गुजरात में एक राजनीतिक विषय उत्पन्न कर दिया है, विपक्षी दल कांग्रेस ने लगभग 20 लाख श्रमिकों के लिए व्यापक राहत पैकेज की मांग की है।
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गुजरात राज्य विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता अमित चावड़ा ने गुरुवार को चेतावनी दी कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार लगभग 20 लाख भारतीयों की मांगों को पूरा नहीं करेगी, तो वे राज्य में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे। हीरा कारीगर G7 के देशों द्वारा रूसी हीरे के आयात पर लगाए गए प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप प्रभावित हुए।

चावड़ा ने Sputnik India को बताया, “यूक्रेन संघर्ष के चलते उद्योग में रोजगार का नुकसान हुआ है। दिवाली सीजन निकट है, लेकिन बहुत हीरा कारीगरों के पास पर्याप्त रोजगार नहीं है। कार्यशालाएं सप्ताह में कम दिनों के लिए संचालित हो रही हैं। अकेले सूरत में लगभग 30 श्रमिकों ने आत्महत्या की है।

उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि मध्य-पूर्व में चल रहे इज़राइल-हमास संघर्ष ने भारतीय उद्योग को और अधिक प्रभावित किया है, यह देखते हुए कि इज़राइल भारतीय हीरा व्यापारियों के लिए एक व्यापारिक केंद्र हुआ करता था।
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने हाल के दिनों में वैश्विक हीरा प्रसंस्करण और व्यापार के केंद्र सूरत के हीरा श्रमिकों के साथ-साथ अहमदाबाद के हीरा श्रमिकों के साथ भी व्यापक विचार-विमर्श किया है।

चावड़ा ने कहा, “मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को भी पत्र लिखकर हीरा उद्योग के श्रमिकों के लिए आर्थिक राहत पैकेज और 'रत्नदीप योजना' (नौकरी से निकाले गए श्रमिकों के लिए एक पुनः कौशल योजना) प्रारंभ करने की मांग की है। सूरत हीरा उद्योग के जौहरियों पर लगाए गए व्यापार कर को भी समाप्त किया जाना चाहिए”।

उन्होंने आगे कहा कि वे 'ज्वैलर्स वेलफेयर बोर्ड' बनाने की मांग के साथ-साथ आत्महत्या करने वाले श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग का भी समर्थन करते हैं।

चावड़ा ने कहा, "अगर ये मांगें पूरी नहीं हुईं, तो सड़कों पर उतरने के अतिरिक्त हम इस विषय को राज्य विधानसभा के अग्रिम शीतकालीन सत्र में भी उठाएंगे"।

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्यक्तिगत रूप से इन मांगों पर गौर करना चाहिए, क्योंकि वे राज्य से हैं, और देश और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए हीरा उद्योग के महत्व को समझते हैं"।
जैसा कि Sputnik India ने पहले बताया था, प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन में अपने समकक्षों के साथ भारतीय हीरा उद्योग पर बातचीत की थी।
ndian workers examine diamond stones at a diamond cutting and polishing workshop in Ahmedabad on July 23, 2019. India is the world's largest cutting and polishing centre for diamonds.

वित्तीय बाधाओं के कारण हीरा उद्योग प्रभावित

राज्य में हीरा उद्योग के श्रमिकों के साथ बातचीत के दौरान चावड़ा ने सुनाया है कि राज्य का एक समय फलता-फूलता हीरा उद्योग प्रमुख रूसी बैंकों के विरुद्ध लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण प्रभावित हुआ है।

चावड़ा ने कहा, “इन प्रतिबंधों के कारण रूस से कच्चे हीरों के ऑर्डर के भुगतान में कठिनाई हुई है। अधिकांश कच्चे हीरे पारंपरिक रूप से रूस, बेल्जियम और अफ्रीकी देशों से आयात किए जाते रहे हैं”।

उन्होंने कहा कि बाजार में "प्रयोगशाला निर्मित हीरों" का बढ़ता प्रचलन भी हीरा उद्योग में मंदी को बढ़ावा दे रहा है।
पिछले फरवरी में यूक्रेन संकट आरंभ होने से पहले लगभग वैश्विक हीरों के 90 प्रतिशत गुजरात, मुख्य रूप से सूरत शहर में काटे और पॉलिश किए जाते थे। प्रसंस्कृत हीरों को फिर अमेरिका सहित अन्य देशों में निर्यात किया जाता था।
पिछले महीने गुजरात का दौरा करने वाले G7 प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय उद्योग को रूसी मूल के हीरों के सौदे न करने की चेतावनी दी थी। पश्चिमी देशों का कहना है कि वे अब इन्हें स्वीकार नहीं करेंगे।
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