व्यापार और अर्थव्यवस्था

SBER को सेबी से प्राप्त हुआ एफपीआई लाइसेंस, इससे होगा बाजार को क्या लाभ?

अक्टूबर में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) रूस के सबसे बड़े बैंक SberBank को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के रूप में पंजीकृत होने के लिए लाइसेंस दिया है। विशेषज्ञ ने Sputnik भारत को बताया कि इससे भारतीय बैंकों में फंसी रूसी फंड को भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश किया जा सकेगा।
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यह टिप्पणी बेंगलुरू के डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के कुलपति एन आर भानुमूर्ति ने Sputnik भारत को एक साक्षात्कार में की।
यह पूछे जाने पर कि क्या अब यह संभव है कि भारतीय बैंकों में रुपये के रूप में जमा रूसी फंड निवेश के रूप में बाजार में पहुंच सकें, विशेषज्ञ ने कहा कि इसे अल्पकालिक पूंजी बाजार में निवेश किया जा सकेगा।

भानुमूर्ति ने कहा, “विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के लिए उन्हें जो लाइसेंस प्राप्त है, उससे इन बैंकों को सहायता मिलनी चाहिए, जिनके पास कुछ भारतीय संपत्तियां हैं, ताकि वे इसे भारतीय बाजारों में निवेश कर सकें। लेकिन फिर, वह निवेश मात्र अल्पकालिक पूंजी बाजार में ही होना चाहिए। यह निश्चित रूप से दीर्घकालिक पूंजी बाज़ारों के लिए नहीं है। और इसमें वही होगा जो आप कहते हैं वापसी टिकट, क्योंकि यह एक विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के रूप में आ रहा है और इसमें वापस जाने का टैग भी है। तो यह विकल्प भी तो होना ही चाहिए”।

साथ ही भारत में SberBank को दिए गए FPI पंजीकरण को लेकर विशेषज्ञ ने कहा कि यह भारतीय पूंजी बाजार में अल्पावधि और मध्यम अवधि में उपलब्ध संसाधनों के बीच अंतर को मिटा देगा।

भानुमूर्ति ने कहा, “यह मात्र देश के अंदर और बाहर अल्पकालिक पूंजी प्रवाह को सुनिश्चित कर सकता है, जो किसी भी विषय में है, क्योंकि अल्पकालिक पूंजी निवेश पर पूर्ण परिवर्तनीय है। इसलिए मेरी भावना यह है कि यह भारतीय पूंजी बाजार में अल्पावधि से मध्यम अवधि में उपलब्ध संसाधनों के अंतर को मिटा देगा"।

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