इस खबर के बाद भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) ने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के खिलाफ लगे आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अरबों डॉलर की यह कंपनी प्रति वर्ष 1,200 से अधिक प्रत्यारोपण करने का दावा करती है। इस अस्पताल के मुताबिक यहां ब्रिटेन सहित दुनिया भर से अमीर मरीज ऑपरेशन के लिए आते हैं।
"म्यांमार के युवा ग्रामीणों को अपोलो के प्रतिष्ठित दिल्ली अस्पताल में ले जाया जा रहा है और अमीर बर्मी रोगियों को अपनी किडनी दान करने के लिए भुगतान किया जा रहा है," रिपोर्ट में कहा गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जांच के आदेश के बीच इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IMCL) ने रिपोर्ट पर अपने बयान में कहा कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा IMCL के खिलाफ लगाए गए आरोप बिल्कुल झूठे, गलत जानकारी वाले और भ्रामक हैं।