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मालदीव ने हिंद महासागर में चीन से संबंधों को 'मजबूत' करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू द्वारा देश में भारत की सैन्य उपस्थिति को समाप्त करने का आह्वान करने के बाद नई दिल्ली में चिंता उत्पन्न कर दी है। भारत में उन्हें व्यापक रूप से चीन समर्थक के रूप में देखा जाता है।
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मालदीव ने कहा है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली नई सरकार चीन के साथ देश के दीर्घकालिक संबंधों को "मजबूत" करने के लिए प्रतिबद्ध है।

"हम चीन और मालदीव के मध्य आपसी सम्मान और साझा लक्ष्यों की नींव पर बने लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को मजबूत करने के लिए समर्पित हैं," मालदीव के उपराष्ट्रपति हुसैन मोहम्मद लतीफ ने शुक्रवार को कुनमिंग (युन्नान प्रांत) में 'विकास सहयोग पर चीन-हिंद महासागर क्षेत्र फोरम' के दूसरे संस्करण में कहा।

लतीफ ने अपने भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि मुइज्जु प्रशासन "चीन के साथ सहयोग के नए रास्ते" खोजने और दोनों देशों के पारस्परिक लाभ के लिए एक गतिशील साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है।
उन्होंने बीजिंग को मालदीव के विकास में एक "महत्वपूर्ण" भागीदार बताया।
लतीफ ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों ने "सामाजिक विकास, शांति और समृद्धि" को बढ़ावा देने के उद्देश्य से "जन-केंद्रित रणनीति" के प्रति प्रतिबद्धता साझा की है।
यह पहली बार है कि मालदीव ने चीन के नेतृत्व वाली पहल में भाग लिया है जिसका उद्देश्य बीजिंग और हिंद महासागर देशों के मध्य सहयोग को बढ़ावा देना है। वर्ष 2022 में, पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने उद्घाटन सम्मेलन को अनदेखा कर दिया था।
बीजिंग की विदेशी सहायता एजेंसी, चीन अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग एजेंसी (CIDCA) द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में हिंद महासागर तट पर स्थित अफ्रीका और एशिया के 20 से अधिक देशों के भाग लेने की आशा है।
इसे नई दिल्ली समर्थित हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है, जो 1997 में गठित एक प्रमुख क्षेत्रीय तंत्र है और इसमें 23 देश सम्मिलित हैं। चीन IORA में पर्यवेक्षक है।

मालदीव ने कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव बैठक में भाग नहीं लिया

गौरतलब है कि मालदीव सरकार ने गुरुवार को पोर्ट लुइस में आयोजित कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तर की बैठक में भाग न लेने का निर्णय लिया है।
भारत, मालदीव और श्रीलंका सीएससी के संस्थापक सदस्य हैं, और मॉरीशस पिछले वर्ष इसके नए सदस्य के रूप में सम्मिलित हुआ था।
मॉरीशस में भारतीय उच्चायोग के एक वक्तव्य में कहा गया कि बांग्लादेश और सेशेल्स ने सीएससी बैठक में पर्यवेक्षकों के रूप में भाग लिया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने बैठक में "क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने" में सीएससी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने सीएससी के पांच "सहयोग के स्तंभों" के अंतर्गत समुद्री सुरक्षा और बचाव, आतंकवाद और कट्टरपंथ का सामना, तस्करी और अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध का सामना, साइबर सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी की सुरक्षा और मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) के निरंतर जुड़ाव के महत्व पर भी प्रकाश डाला है।
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