यह रिपोर्ट भारत के खिलाफ "निरंतर दुष्प्रचार अभियान" का हिस्सा है और जो आउटलेट इसे लेकर आया है वह पाकिस्तानी खुफिया विभाग द्वारा फैलाए गए "फर्जी आख्यानों" का प्रचार करने के लिए जाना जाता है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा।
"हम दृढ़तापूर्वक कहते हैं कि ऐसी रिपोर्टें फर्जी और पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं। ऐसा कोई ज्ञापन नहीं है। यह भारत के खिलाफ निरंतर दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है," बागची ने कहा।
इसके अलावा उन्होंने कहा, "विचाराधीन आउटलेट पाकिस्तानी खुफिया विभाग द्वारा फैलाई गई फर्जी कहानियों को प्रचारित करने के लिए जाना जाता है। लेखकों के पोस्ट इस संबंध की पुष्टि करते हैं।"
"जो लोग ऐसी फर्जी खबरों को बढ़ावा देते हैं, वे ऐसा केवल अपनी विश्वसनीयता की कीमत पर करते हैं," बागची ने रिपोर्ट पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा।
गौरतलब है कि सितंबर में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को कनाडा की धरती पर खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की "संभावित" भागीदारी का कथित तौर पर आरोप लगाया था।
बता दें कि अमेरिकी मीडिया "द इंटरसेप्ट" ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि भारत सरकार ने पश्चिमी देशों में कुछ सिख संस्थाओं के खिलाफ "क्रैकडाउन स्कीम" पर निर्देश जारी किए हैं।