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पन्नू की हत्या की साजिश पर पहली बार बोले पीएम मोदी

खलिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास को लेकर किए अमेरिकी दावों पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार कहा कि सरकार किसी भी सबूत की जांच करेगी।
Sputnik
प्रधानमंत्री मोदी यूके के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर कोई हमें कोई जानकारी देता है तो हम निश्चित रूप से उस पर गौर करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा, "अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है, तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है"।

52 वर्षीय भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर 29 नवंबर को अमेरिका में संघीय अभियोजकों द्वारा पन्नू को मारने की एक असफल साजिश में उनकी कथित भागीदारी के संबंध में आरोप लगाया गया था। गुप्ता पर आरोप हैं कि उन्होंने कथित साजिश में एक भारतीय सरकारी एजेंसी के कर्मचारी के साथ मिलीभगत की थी।
आगे प्रधानमंत्री मोदी ने भी चरमपंथी गतिविधियों पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत विदेश में स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों के बारे में गहराई से चिंतित है।

उन्होंने कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में ये तत्व डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हुए हैं। इस रिश्ते को मजबूत करने के लिए मजबूत द्विदलीय समर्थन है, जो एक परिपक्व और स्थिर साझेदारी का स्पष्ट संकेतक है"।

भारत सरकार द्वारा गुरपतवंत सिंह पन्नू 1 जुलाई, 2020 को 'नामित व्यक्तिगत आतंकवादी' घोषित किया गया था, वह सक्रिय रूप से पंजाब स्थित गैंगस्टरों और युवाओं को खालिस्तान के स्वतंत्र राज्य के लिए लड़ने के लिए सोशल मीडिया पर चुनौती दे रहा है।
इसके साथ-साथ पन्नू ने हाल ही में भारत की संसद पर हमले की धमकी भी दी थी। इसके अलावा, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी सितंबर में कनाडाई क्षेत्र में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का दावा किया था।
हालाँकि, आरोपों को विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया, जिसने उन्हें बेतुका और प्रेरित करार दिया।
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