स्थानीय मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चिंता व्यक्त की कि ये कार्रवाइयां किसी भी देश के हित में नहीं हैं।
"मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडाई राजनीति में, इन खालिस्तानी ताकतों को बहुत जगह दी गई है और उन गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत दी गई है जो मुझे लगता है कि रिश्ते के लिए हानिकारक हैं, स्पष्ट रूप से भारत के हित में नहीं, और कनाडा के हित में नहीं है। लेकिन दुर्भाग्य से, यही उनकी राजनीति की स्थिति है," विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा।
इसके अलावा विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन का कनाडा में खालिस्तानी मुद्दे से कोई संबंध नहीं है।
गौरतलब है कि कनाडा में एक बहुत ही मुखर खालिस्तान समर्थक लॉबी द्वारा देश में तैनात भारतीय राजनयिकों को धमकी देने के कारण भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में काफी तनाव आ रहा है, जिससे द्विपक्षीय साझेदारी के भविष्य के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
बता दें कि सितंबर में, कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में आरोप लगाया था कि जून में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या करने के मामले में कथित तौर पर भारतीय अधिकारी की भूमिका है।
इसके बाद, भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावों का जोरदार खंडन किया और उन्हें "बेतुका और प्रेरित" बताया।