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भारत ने ईरान में हुए घातक बम विस्फोटों पर दुख जताया

ईरान के करमान शहर में जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी के अवसर पर जुलूस के समय हुए "भयानक" दोहरे बम विस्फोटों पर भारत ने गुरुवार को दुःख व्यक्त किया है।
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भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक ट्वीट में कहा कि नई दिल्ली ने ईरान की सरकार और वहां के लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है।

"हम ईरान के करमान शहर में हुए भयानक बम विस्फोटों से स्तब्ध और दुखी हैं। इस कठिन समय में, हम ईरान की सरकार और लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों के परिवारों और घायलों के साथ हैं," जयसवाल ने एक्स पर लिखा।

ईरानी अधिकारियों के अनुसार बुधवार को सुलेमानी की कब्र के पास हुए दोहरे विस्फोटों में कम से कम 103 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए।
दरअसल रिवोल्यूशनरी गार्ड की विशिष्ट कुद्स फोर्स के प्रमुख रहे सुलेमानी की कब्रगाह के पास भारी संख्या में लोग उनकी मौत की चौथी बरसी मनाने के लिए एकत्र हुए थे। साल 2020 में बगदाद हवाई अड्डे पर अमेरिका ने ड्रोन हमले कर उनकी हत्या कर दी थी।

ईरान ने धमाकों के लिए अमेरिका और इज़राइल को जिम्मेदार ठहराया है

इस विस्फोट ने पूरे मध्य पूर्वी क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है, जो इज़राइल-हमास संघर्ष की आग में जल रहा है। अभी तक किसी ने भी धमाकों की जिम्मेदारी नहीं ली है।
हालाँकि, ईरानी सरकार ने दोहरे विस्फोटों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल को दोषी ठहराया है। ईरान के राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के उपप्रमुख मोहम्मद जमशीदी ने एक्स पर पोस्ट कर हमले के लिए अमेरिका और इजराइल पर आरोप लगाया।

“वाशिंगटन का कहना है कि ईरान के करमन में आतंकवादी हमले में अमेरिका और इज़राइल की कोई भूमिका नहीं थी। वास्तव में? लोमड़ी सबसे पहले अपनी मांद को सूंघती है। कोई गलती मत करना। इस अपराध की ज़िम्मेदारी अमेरिका और ज़ायोनी शासन की है और आतंकवाद महज़ एक उपकरण है,” उन्होंने पोस्ट किया।

हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने ईरान सरकार के आरोपों के जवाब में कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका किसी भी तरह से संलग्न नहीं था। हमारे पास यह मानने का कोई कारण नहीं है कि इसके पीछे इजराइल का हाथ था।"
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