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तनाव के बीच मालदीव ने राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा का रखा प्रस्ताव: रिपोर्ट

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, माले और नई दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच मालदीव ने इस महीने के अंत में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा का प्रस्ताव रखा है।
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सत्ता में आने के बाद से राष्ट्रपति मुइज्जू अब तक तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और चीन का दौरा किया है, जो मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के लिए भारत को पहला विदेशी गंतव्य बनाने की परंपरा से हटकर है।
दरअसल मुइज्जू सरकार के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों पर मौजूदा राजनयिक संकट पैदा होने से पहले यह यात्रा प्रस्तावित थी।
राष्ट्रपति मुइज्जू इस समय चीन की एक सप्ताह की यात्रा पर हैं जहां उन्होंने फ़ुज़ियान प्रांत में ज़ियामेन मुक्त व्यापार क्षेत्र का दौरा किया और चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (CCCC) के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
इसके अतिरिक्त, प्रमुख चीनी राजनीतिक हस्तियों के साथ बैठकें हुईं, जिनमें सीपीसी फ़ुज़ियान प्रांतीय पार्टी समिति के सचिव झोउ ज़ुयी और सीपीसी फ़ुज़ियान प्रांतीय पार्टी समिति के उप सचिव और फ़ुज़ियान प्रांत के गवर्नर झाओ लांग शामिल थे। बाद में वे अपनी यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे।
राष्ट्रपति मुइज्जू प्रशासन ने भारत से अपने सैनिकों को देश से वापस बुलाने का आह्वान किया है, भले ही उसने मानवीय प्रयासों में भारतीय संपत्तियों की भूमिका को स्वीकार किया हो।
इस बीच मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में की गई हालिया अपमानजनक टिप्पणियों के साथ इस कदम से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा हो गया है।
हालांकि मालदीव सरकार ने विवादास्पद बयानों के जवाब में अपमानजनक टिप्पणियों की घटना में शामिल मंत्रियों को निलंबित कर दिया है और उन टिप्पणियों से खुद को दूर कर लिया है।

मालदीव टूरिज्म इंडस्ट्री ने उप मंत्रियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की

मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने कहा है कि वह लक्षद्वीप की यात्रा के कुछ दिनों बाद भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कुछ उप मंत्रियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है।
"भारत हमेशा हमारे पूरे इतिहास में विभिन्न संकटों के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला रहा है और हम सरकार के साथ-साथ भारत के लोगों द्वारा हमारे साथ बनाए गए घनिष्ठ संबंधों के लिए बेहद आभारी हैं," MATI ने एक बयान में कहा।
गौरतलब है कि मुइज़ू सरकार के सत्ता संभालने से पहले भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंध सकारात्मक थे। भारत ने मालदीव में विभिन्न सहायता परियोजनाओं, खासकर 1988 के तख्तापलट के प्रयास को रोकने और 2004 की सुनामी जैसे आपदा के दौरान लगातार समर्थन किया है। दिसंबर 2014 में माले में जल संकट पर भारत की त्वरित प्रतिक्रिया ने संबंधों को और मजबूत किया।
इसके अलावा नई दिल्ली ने द्वीप राष्ट्र को टीके भेजकर COVID-19 संकट के दौरान भी मालदीव को अपना समर्थन जारी रखा था। इसके अतिरिक्त, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के प्रशिक्षण में भारत एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बना हुआ है, जो उनकी रक्षा प्रशिक्षण आवश्यकताओं के एक महत्वपूर्ण हिस्से को पूरा करता है।
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