मेजर जनरल अब्दुल्ला अल-जाफरी ने कहा कि यमन की सेना को पता था कि अमेरिका [यमन के विरुद्ध] हमला करेगा। उन्होंने साथ ही कहा, "ऐसा आक्रमण करके वाशिंगटन ने पैंडोरा बॉक्स खोला है। हम इस आक्रमण का निर्णायक रूप से जवाब देंगे।”
सैन्य अधिकारी ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि इस आक्रमण ने हूती को आश्चर्यचकित नहीं किया, क्योंकि वे 2015 से लेकर अब तक 9 वर्षों से अमेरिकी आक्रामकता का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “अमेरिकियों ने हमारे खिलाफ सभी प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित हथियार भी शामिल थे। हवाई आक्रमणों का हमारी सैन्य क्षमताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। साथ ही लक्ष्य वास्तविक नहीं थे।”
उन्होंने साथ ही कहा कि इस आक्रमण के माध्यम से अमेरिका अपनी प्रतिष्ठा बहाल करने और लाल सागर में हमलों से इजराइल की सुरक्षा करने की कोशिश कर रहा है जो "आर्थिक संकट के चलते पूर्ण पतन के चरण में पहुंच गया है।"
आपको याद दिला दें कि गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन में लाल सागर में इजराइल से जुड़े जहाजों पर हमला करना शुरू कर दिया। हूती का दावा है कि वे इज़राइल-बाउंड/मूल जहाजों को निशाना बना रहे थे, क्योंकि उनके अनुसार गाजा पट्टी में यहूदी राज्य की सेनाओं द्वारा निर्दोष नागरिकों का नरसंहार हो रहा है।
7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के हमले के बाद तेल अवीव ने घनी आबादी वाले तटीय क्षेत्र में एक सैन्य अभियान शुरू किया था। गाजा में इज़राइल के हमले में अब तक लगभग 23,500 लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे बच्चे और महिलाएं हैं।