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तालिबान द्वारा काबुल में आयोजित सम्मेलन में भारत, रूस सहित अन्य देशों ने लिया भाग

अफ़गान मीडिया के मुताबिक भारत और रूस उन 11 देशों में शामिल थे, जिन्होंने काबुल में हुए एक सम्मेलन में भाग लिया था। इस सम्मेलन का आयोजन क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था।
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हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। तालिबान* को अभी तक भारत ने मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसके साथ नई दिल्ली हमेशा से अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार के गठन की वकालत करता रहा है।

विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्ताकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस सम्मेलन में अर्थव्यवस्था के विकास के लिए तापी, टैप, कासा जार, रेलवे परियोजनाओं जैसी प्रमुख आर्थिक परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु संयुक्त सहयोग पर जोर दिया गया है।

"एफएम मुत्ताकी ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय देशों को अफगानिस्तान के साथ सकारात्मक बातचीत बढ़ाने और जारी रखने के लिए क्षेत्रीय शांति वार्ता आयोजित करनी चाहिए। साथ ही मुत्ताकी ने प्रतिभागियों से क्षेत्र-उन्मुख परंपरा के आधार पर अफगानिस्तान में उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए कहा ताकि संभावित खतरों के प्रबंधन में समन्वय स्थापित किया जा सके।"

तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने इस सम्मेलन में शामिल हुए 11 देशों के प्रतिनिधियों की मेजबानी की। इस तरह का सम्मेलन 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पहली बार आयोजित किया गया था।
*तालिबान संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन है।
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