भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा की ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की यात्रा में राजधानी विक्टोरिया के साथ-साथ वैंकूवर और सरे के पड़ाव भी सम्मिलित हैं। शुक्रवार को उनका सरे की मेयर और सरे बोर्ड ऑफ ट्रेड के साथ भी बैठक करने का कार्यक्रम है।
इस मध्य एसएफजे के जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि 1 मार्च को खालिस्तान समर्थक सिखों को सरे में सीधे भारतीय उच्चायुक्त को 'चुनौती-लक्ष्य-प्रश्न' करने का अवसर मिलेगा। इस दौरान सरे में विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किया जा रहा है।
"मेरे खिलाफ खतरे के बारे में संबंधित कनाडाई अधिकारियों को बता दिया गया है, जिन्होंने मुझे मेरी सुरक्षा का आश्वासन दिया है," एसएफजे की धमकी का उत्तर देते हुए वर्मा ने कहा। पिछले वर्ष मार्च के बाद यह भारतीय उच्चायुक्त की ब्रिटिश कोलंबिया की पहली यात्रा है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि “जैसा कि आप जानते हैं, एसएफजे भारत के गैरकानूनी एसोसिएशन रोकथाम अधिनियम के अंतर्गत एक प्रतिबंधित संगठन है।" इसके साथ उनके अनुसार, यह भारत-कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों को "पटरी से उतारने के अपने विषैले प्रयास" जारी रखता है।
"समाज या सिस्टम द्वारा उस पर बिना कोई जुर्माना लगाए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग करके वह काफी समय से ऐसा कर रहा है," पन्नू द्वारा निशाना बनाए जाने की ओर इशारा करते हुए वर्मा ने कहा।
बता दें कि एसएफजे के प्रमुख व्यक्ति निज्जर को गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मार कर हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा गया था कि भारतीय एजेंटों और हत्या के बीच संभावित संबंध है, इसके बाद दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंध गंभीर रूप से प्रभावित हुए।