भारतीय एजेंसियां कंबोडिया में साइबर धोखाधड़ी करने वाले अवैधों पर नकेल कसने के लिए कंबोडियाई अधिकारियों के साथ काम कर रही हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शनिवार शाम को यह कहा।
रिपोर्टों से पता चलता है कि भारतीय और अन्य नागरिकों को धोखा देने वाले साइबर धोखाधड़ी रैकेट के लिए काम करने का लालच देकर लगभग 5,000 भारतीय कंबोडिया में फंस गए हैं।
कथित तौर पर, कंबोडिया स्थित साइबर घोटाले पहले ही भारतीय ग्राहकों को धोखाधड़ी से लगभग 6 करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचा चुके हैं।
जयसवाल ने शनिवार को कहा कि अब तक कंबोडिया से लगभग 250 भारतीयों को बचाने और वापस लाने में सफलता मिली है, जिनमें पिछले तीन महीनों में 75 लोगों को सहायता दी गयी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जोर देकर कहा, "हम कंबोडिया में उन सभी भारतीय नागरिकों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारा समर्थन चाहते हैं।"
विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली ने 2022 से कंबोडिया में रोजगार के अवसर खोज रहे भारतीय नागरिकों के लिए कई प्रकार की सूचनात्मक सुझाव सूची जारी की हैं।
पिछली आधिकारिक सलाह के अनुसार, भारतीयों के मानव तस्करों द्वारा शिकार बनने और अवैध ऑनलाइन धोखाधड़ी योजनाओं में संलग्न आपराधिक सिंडिकेट के लिए काम करने के लिए मजबूर होने की घटनाओं में "वृद्धि" हुई है।