सुरक्षा विशेषज्ञ मार्क स्लेबोडा ने कहा कि अगर यूक्रेन सेना में पुरुष भर्ती करता रहेगा, तो भविष्य में उसे जनसांख्यिकीय संकट का सामना करना पड़ेगा। सोवियत संघ के पतन के बाद से ही यूक्रेन में जन्म दर में गिरावट आ रही है।
स्लेबोदा ने कहा, "35 से अधिक आयु वर्ग में बहुत अधिक लोग हैं और युवा वर्ग में बहुत कम लोग हैं। इस जनसांख्यिकीय संकट को हल्के में लेना नहीं चाहिए, क्योंकि यह यूक्रेन का भविष्य को एक खतरे में डाल सकता है।"
स्लेबोदा ने कहा कि यूक्रेन के नए लामबंदी कानून का बड़ा हिस्सा वर्गीकृत है, जैसे यह पता नहीं है कि सेना में कितने यूक्रेनियों को भर्ती करने की योजना है। हालांकि हाल के महीनों में यूक्रेन के जनरलों ने राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के सामने लगभग 500 हजार पुरुषों को भर्ती करने का प्रस्ताव रखा है।
स्लेबोदा ने आगे कहा, "यूक्रेन के अधिकारी एक बार फिर महिलाओं को लामबंद करने की बात कर रहे हैं। साथ ही युद्ध में चोटों सहित चिकित्सा अपवादों को कम कर दिया गया है। उदाहरण के लिए, यदि आप पहले ही लड़ चुके हैं और अपना एक पैर खो चुके हैं, तब भी आपको छूट नहीं है। आप ड्रोन तो चला सकते हैं, हैं ना ? नए कानून का दृष्टिकोण यही है।"