रविवार को मालदीव में संसदीय चुनाव हो रहा है, जो राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लिए उनकी भारत विरोधी नीति को लेकर महत्वपूर्ण माना जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 93 सीटों के लिए 368 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं, जिन में से मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और राष्ट्रपति मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) भी हैं।
लगभग मालदीव के 2,85 लाख नागरिक वोट करने जा रहे हैं। चुनाव के परिणाम सोमवार तक घोषित किए जा सकते हैं।
मालदीव चुनाव आयोग (EC) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सुबह 10 बजे तक लगभग 17 प्रतिशत नागरिकों ने मतदान में भाग लिया है।
मुइज्जू के एक वरिष्ठ सहयोगी ने स्थानीय मीडिया को बताया, "रविवार के चुनाव में वोटों के लिए प्रचार करते समय वे भू-राजनीति पृष्ठभूमि में है।"
उन्होंने कहा, "वे (मुइज्जू) भारतीय सैनिकों को वापस भेजने के वादे देने के बाद सत्ता में आए और इस पर काम कर रहे हैं। उनके सत्ता में आने के बाद से संसद उनके साथ सहयोग नहीं कर रही है।"
मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के नेता और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने अपनी पार्टी की संभावनाओं के बारे में आशावाद व्यक्त करते हुए इस पर ज़ोर दिया कि वे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मामलों में मुइज़ू प्रशासन की कमियों के साथ-साथ लोकतांत्रिक सिद्धांतों में भी गिरावट को देखते हैं।
शाहिद ने आगामी चुनावों में मतदाताओं की संभावित प्रतिक्रिया पर बल देते हुए विपक्षी सदस्यों को निशाना बनाने वाली कथित डराने-धमकाने की रणनीति और विकास परियोजनाओं में प्रगति की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की ।
पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की भारत समर्थक मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा नियंत्रित वर्तमान संसद ने देश की नीति को परिवर्तित करने और भारत जैसे पड़ोसी देशों के साथ संबंध बढ़ाने के उनके प्रयासों को रोक दिया है।
भारत को आशा है कि भारत समर्थक और प्राथमिक विपक्षी दल MDP बहुमत प्राप्त करेगा, जिससे सरकारी कार्यों की संपूर्ण विधायी निगरानी प्रदान करी जाएगी।