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केजरीवाल और हेमंत सोरेन की पत्नियां चुनाव में भावनात्मक अपील करेंगी: वरिष्ठ पत्रकार

भारत में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव चल रहे हैं, लेकिन देश के दो बड़े नेता दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी के पार्टी के अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन जेल में हैं।
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आप नेता के अनुसार तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी और सेवानिवृत्त भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी सुनीता केजरीवाल लोकसभा चुनाव के दौरान अपने पति की आवाज बनेंगी और देश में जहां भी आवश्यकता होगी, उनका संदेश ले जाएंगी।
वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी अपने पति की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लोकसभा अभियान का नेतृत्व करने के लिए आगे आईं हैं, क्योंकि हेमंत सोरेन 31 जनवरी को कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं।
आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि 58 वर्षीय सुनीता शनिवार से औपचारिक रूप से मैदान में उतरेंगी।

आतिशी ने बताया, "सुनीता जी AAP उम्मीदवारों के लिए प्रचार करके दिल्ली, गुजरात, हरियाणा और पंजाब के लोगों से समर्थन मांगने के लिए मैदान में उतरेंगी।"

हालांकि ताजा हालातों में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गुरुवार को घोषणा की कि वह गांडेय विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ेंगी। इसमें उनका मुकाबला बीजेपी के दिलीप कुमार वर्मा से होगा।
आप और कांग्रेस द्वारा आयोजित भारतीय गठबंधन पार्टियों की संयुक्त रैली में कल्पना सोरेन और सुनीता केजरीवाल ने पहली बार रामलीला मैदान में अन्य सभी पार्टी नेताओं से भेंटवार्ता की। इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से भी भेंट की।
सुनीता केजरीवाल और कल्पना सोरेन दोनों अपने पतियों के अनुपस्थिति में चुनाव प्रचार की कमान संभाल रही हैं। Sputnik भारत ने देश के वरिष्ठ पत्रकार और कई लोकसभा चुनाव कवर कर चुके विनोद शर्मा से पुछा कि दोनों नेताओं की पत्नियां किस प्रकार इन लोकसभा चुनावों में प्रभाव डालेंगी, तो उन्होंने बताया कि विपक्ष का तर्क यह है कि जिन राजनीतिक नेताओं को चुनाव प्रचार के मध्य में गिरफ्तार किया गया है। यह लगभग उनके अभियान को बाधित करने और उन्हें वोट मांगने के लिए लोगों तक पहुंचने से रोकने के समान है।

विनोद शर्मा ने कहा, "जब वे जेल में हैं, तो यह पूर्णतः स्वाभाविक है कि उनकी पत्नियां बाहर आ गई हैं और वे मतदाताओं से उनकी पार्टी के लिए वोट करने की भावनात्मक अपील भी कर रही हैं। पत्नियां मतदाताओं की समझ पर अपील कर रही हैं कि चाहे वे इसे उचित या अनुचित समझें, इसलिए वे यही अपील कर रही हैं।"

सुनीता केजरीवाल और कल्पना सोरेन द्वारा लोक सभा चुनाव प्रचार किये जाने पर होने वाले प्रभाव और वरिष्ठ पत्रकार शर्मा कहते हैं कि दोनों के पतियों के जेल जाने के बाद वें दोनों मुख्यमंत्री नहीं बनी, और मतदाताओं से उनके पतियों के समर्थन में वोट की मांग करेंगी।

उन्होंने कहा, "वे मतदाताओं तक उसी तरह पहुंचेंगी जैसे आप और मैं किसी ऐसे व्यक्ति के समर्थन में पहुंचेंगे जिसका हम बचाव कर रहे हैं या हम वैचारिक रूप से गठबंधन कर रहे हैं। इसलिए, वे लोगों तक पहुंच रही हैं।"

विपक्ष द्वारा सरकार पर आरोप भी लगाए गए कि इन नेताओं को चुनाव प्रचार से रोकने के लिए चुनाव के दौरान ये मामले सक्रिय किए गए थे। और यही कारण है कि उनकी पत्नियां उनके स्थान पर आई, और उनकी पार्टियों के लिए प्रचार कर रही हैं, उदाहरण देते हुए विनोद शर्मा ने कहा कि इस देश ने एक ऐसे नेता को देखा है जो गिरफ्तार होकर जेल में थे और बिहार से निर्वाचित हुए वह थे जॉर्ज फर्नांडिस।

अंत में विनोद शर्मा ने बताया, "मेरा तात्पर्य है कि, इस देश ने ऐसे नेता देखें हैं जिनके पास जेल से जीतने का अनुभव हैं, जो जेल से चुनाव लड़े और चुने गए। दोनों नेताओं की पत्नियां दोनों में से किसी ने भी चुनाव नहीं लड़ा है। वे चुनाव में भागीदार नहीं हैं, लेकिन उनकी पार्टियां वहां हैं।"

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