खालिस्तान समर्थक जोरदार नारे के बीच खालसा कार्यक्रम में कनाडाई प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश में सिख समुदाय के "अधिकारों और स्वतंत्रता" की हमेशा "रक्षा" करेगी। रैली में उनके प्रतिद्वंद्वी कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोइलिवरे और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के जगमीत सिंह भी शामिल हुए।
खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने पर ट्रूडो ने कहा, "हम अपने मतभेदों के बावजूद नहीं, बल्कि अपनी विभिन्नताओं के कारण मजबूत हैं। लेकिन जब हम इन मतभेदों को देखते हैं, तब भी हमें आज ही की तरह हर दिन याद रखना होगा कि सिख मूल्य कनाडाई मूल्य हैं।"
हालांकि, जस्टिन ट्रूडो के सामने खालिस्तान समर्थक नारे भारत में लोगों को पसंद नहीं आ रहे हैं और कनाडाई प्रधानमंत्री को इंटरनेट पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल ट्रूडो का भाषण ऐसे समय में आया है जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
जस्टिन ट्रूडो का खालिस्तान के प्रति प्रेम तब भी दिखा था जब उन्होंने निज्जर की हत्या का आरोप बिना कुछ सबूत पेश किए भारत पर लगाया था। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज कर दिया और उन्हें "बेतुका और प्रेरित" करार दिया, क्योंकि कनाडा ठोस सबूत पेश करने में विफल रहा।
गौरतलब है कि जून, 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते ही हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, हरदीप सिंह निज्जर को 2020 में भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था।
बता दें कि खालिस्तानी अलगाववादियों का संबंध हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं के साथ-साथ भारतीय प्रवासियों पर हमलों से भी रहा है। अलगाववादियों ने उन सिखों पर भी हमला किया है जो उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हैं।