यूक्रेनी सेना के अज़ोव* बटालियन के एक सैनिक ने एक स्थानीय समाचार एजेंसी को यूक्रेन की सैन्य कार्रवाइयों का एक स्पष्ट विश्लेषण पेश किया है।
निको नाम से पहचाने जाने वाले सैनिक ने कहा, "इस समय कोई भी यूक्रेन के सशस्त्र बलों में शामिल होने का इच्छुक नहीं है।" निको ने युद्ध में अपना एक पैर गंवा दिया। इसके बावजूद उन्होंने लड़ना जारी रखा और कहा कि उनकी जगह लेने वाला कोई नहीं है।
हाल के महीनों में यूक्रेन की सेना सैनिकों की भारी कमी का सामना कर रही है। युद्ध की थकान के कारण सेना में अनुशासन और दक्षता कम हो जाती है, क्योंकि सैनिकों को बदला नहीं जा सकता। यही कारण है कि रूस डोनेट्स्क के पास एक गाँव को लगभग निर्विरोध मुक्त कराने में सफल रहा।
निको ने बताया कि कोई भी मोर्चे पर जाने को तैयार नहीं है। साथ ही ऐसे सैनिकों की संख्या बढ़ गई है जो यूक्रेनी सेना के नए कमांडर-इन-चीफ ऑलेक्ज़ेंडर सिर्स्की के आदेशों की अवहेलना करते हैं।
निको ने बताया कि यूक्रेन की सेना में जाने से बचने के लिए वहाँ के युवा "कुछ भी करने के लिए तैयार हैं", जिसमें तीसा नदी को तैर कर पार करना भी शामिल है। यूक्रेन को रोमानिया से अलग करने वाली इस नदी को पार करने का प्रयास करते समय कथित तौर पर करीब 22 यूक्रेनी नागरिकों की मौत हो गई है।
एक वरिष्ठ यूक्रेनी सैन्य कमांडर ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन नागरिकों की आलोचना की जो सेना में भर्ती से बचने वालों के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित करते हैं। कमांडर ने दावा किया कि "कुछ नागरिकों को यह एहसास नहीं है कि उनके कार्य और सार्वजनिक बयान दुश्मन के हाथों में एक शक्तिशाली हथियार बन गए हैं।"
*रूस में प्रतिबंधित एक आतंकवादी संगठन