रूस ने मंगलवार को संयुक्त राज्य अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अमेरिका का अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक अदालत (ICC) द्वारा इज़राइल की जाँच का विरोध और दूसरी तरफ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ़्तारी का समर्थन करना उसके दोहरे मापदंडों को दर्शाता है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा, "वॉशिंगटन ने रूसी नेतृत्व के खिलाफ ICC वारंट जारी करने का पूरी तरह से समर्थन किया।अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था अपने और अपने सहयोगियों के संबंध में इस संरचना की वैधता को मान्यता नहीं देती है।" ज़खारोवा ने साथ ही कहा कि ऐसी स्थिति बौद्धिक रूप से "बेतुकी" है।
इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा था कि अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि गाज़ा पट्टी में इज़राइली कार्रवाई की अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की जांच, साथ ही इसके संबंध में इज़राइली वरिष्ठ अधिकारियों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी करना, उसके कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से परे है।
रूस का कहना है कि पुतिन के खिलाफ वारंट पश्चिम द्वारा रूस की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का एक निरर्थक प्रयास है और रूस यूक्रेन में युद्ध अपराधों से इनकार करता है। रूस का कहना है कि पश्चिम ने यूक्रेन के अपराधों को नजरअंदाज कर दिया है, यूक्रेन ने इस आरोप से इनकार किया है।
वहीं दूसरी तरफ इज़राइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को कहा कि ICC के किसी भी फैसले से इज़राइल के कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा। हालांकि, इज़राइली मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी चिंतित हैं कि ICC गाज़ा में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के कथित उल्लंघन के लिए नेतन्याहू और अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकती है।