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अधिकांश रूसी कंपनियों के ब्रिक्स देशों में भागीदार: SPIEF में प्रस्तुति

रूसी कंपनियों और ब्रिक्स देशों के बीच साझेदारी पर SPIEF में प्रस्तुत शोध परिणामों के अनुसार, अधिकांश बड़ी रूसी कंपनियों के ब्रिक्स देशों में भागीदार हैं।
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अध्ययन के डेटा से यह पता चला कि 61 प्रतिशत रूसी कंपनियों के ब्रिक्स देशों में भागीदार हैं। इसके अलावा, तीन हजार से अधिक कर्मचारियों वाली बड़ी कंपनियों में से ऐसी कंपनियों का 80 प्रतिशत का पूर्ण बहुमत है।
52% रूसी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे ब्रिक्स देशों को निर्यात करती हैं, वही 57% कंपनियों ने कहा कि वे इन देशों से आयात करती हैं।

साथ ही ब्रिक्स देशों में रूसी व्यापार के भागीदार मुख्य रूप से औद्योगिक और ऑटोमोटिव कंपनियां (63%), कृषि व्यवसाय, उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माता और जीवन विज्ञान उद्योग (53%) हैं। प्रौद्योगिकी क्षेत्र (26%), परिवहन (16%), मीडिया और संचार (11%) में भी कंपनियों की भागीदारी है।

रूसी कंपनियों के 63 प्रतिशत अपने ब्रिक्स भागीदारों के साथ इन देशों की स्थानीय मुद्राओं में भुगतान करते हैं। बड़ी कंपनियां अक्सर डॉलर (50%) और यूरो (63%) में भुगतान करने के अवसर का उपयोग करती हैं। 3,000 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों के 91 प्रतिशत आम तौर पर भुगतान के लिए अपने ब्रिक्स देश भागीदार की मुद्रा का उपयोग करती हैं।
रूस में विदेशी निवेश पर सलाहकार परिषद B1 कंपनियों के समूह और रूसी सार्वजनिक संगठन "बिजनेस रूस" के साथ मिलकर ब्रिक्स और ब्रिक्स-प्लस देशों के साथ उनके संबंधों के बारे में व्यापार प्रतिनिधियों का सर्वेक्षण किया गया।
सर्वेक्षण में भाग लेने वाली कंपनियों में रूसी कंपनियां और विदेशी पूंजी की भागीदारी के साथ व्यवसाय विकास में शामिल कंपनियां दोनों शामिल थीं। अध्ययन प्रतिभागियों में से एक तिहाई 3,000 से अधिक कर्मचारियों वाले बड़े संगठन थे।
बता दें कि सेंट पीटर्सबर्ग अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच (SPIEF) का आयोजन रूस में 5 से 8 जून तक हो रहा है।
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