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ब्रिक्स शामिल हुए नए सदस्यों पर ध्यान केंद्रित करेगा, नए सदस्यों के प्रवेश पर रोक: लवरोव

10-11 जून को रुस के निज़नी नोवगोरोड में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक की मेज़बानी करने के बाद रूस के विदेश मंत्री लवरोव ने जानकारी दी।
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रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ब्रिक्स समूह ने बहुमत से नए सदस्यों को शामिल करने पर रोक लगाने पर सहमति जताई है ताकि इस साल की शुरुआत से शामिल हुए सदस्यों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।

लवरोव ने कहा, "दस में से भारी बहुमत से यह निर्णय लिया गया कि नए सदस्यों पर रोक लगाई जाए और शामिल हुए नए सदस्यों के साथ समन्वय करके समूह को आगे बढ़ाया जाए, जिन्होंने इसकी संख्या दोगुनी कर दी है।"

लवरोव ने आगे कहा कि ब्रिक्स इस रोक का इस्तेमाल ब्रिक्स भागीदार देशों के लिए श्रेणियों की सूची बनाने में करेगा, जो पूर्ण सदस्यता की दिशा में कदम बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि रूस बेलारूस और अन्य "समान विचारधारा वाले देशों" को बढ़ावा देगा।
इससे पहले तुर्की के विदेश मंत्री हकान फ़िदान ने 4 जून को कहा था कि अंकारा ब्रिक्स में शामिल होना चाहेगा और संगठन में होने वाले विकास पर नज़र रखेगा। इसके अलावा थाईलैंड और बोलीविया सहित कई अन्य देशों ने भी संगठन में शामिल होने में अपनी रुचि व्यक्त की है।
ब्रिक्स समूह की स्थापना 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन को एकजुट करते हुए सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक सहयोग मंच के रूप में की गई थी, जिसके बाद 2010 में इस समूह में दक्षिण अफ्रीका शामिल हुआ।
रूस ने 1 जनवरी 2024 को एक वर्ष के लिए ब्लॉक की अध्यक्षता संभाली। उसी दिन ब्रिक्स ने मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करके अपनी सदस्यता का विस्तार किया। इसके अलावा सऊदी अरब ने अपनी भागीदारी को औपचारिक रूप नहीं दिया है, लेकिन वह ब्रिक्स बैठकों में भाग लेता रहा है।
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