श्रीलंका के बंदरगाह, जहाजरानी और विमानन मंत्री निमल सिरिपाला डी सिल्वा ने आज घोषणा की कि शीघ्र ही रूस और भारत के मध्य एक संयुक्त उद्यम को मट्टाला राजपक्षे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का प्रबंधन सौंपा जाएगा।
मंत्री के अनुसार यह हवाई अड्डा वित्तीय रूप से सही स्थिति में नहीं चल रहा है। द्वीप की सरकार का यह रणनीतिक कदम हवाई अड्डे के संचालन को एक नया रूप दे सकता है, जिसके बाद इस हवाई अड्डे को विमानन क्षमता के केंद्र के रूप में किया जा सकता है।
मंत्री डी सिल्वा ने प्रेसिडेंशियल मीडिया सेंटर में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भारत और रूस की साझेदारी से हवाई अड्डे को पुनर्जीवित करने के महत्व को बताया।
अपने संबोधन के दौरान श्रीलंकाई एयरलाइंस की भविष्य की संभावनाओं पर बात करते हुए मंत्री डी सिल्वा ने जोर दिया कि सरकार ने निजीकरण को आगे बढ़ाने के बजाय पुनर्गठन का दृष्टिकोण चुना है।
इसके साथ ही मंत्री डी सिल्वा ने भारत से 69 मिलियन अमरीकी डालर के पर्याप्त निवेश द्वारा समर्थित कांकेसंथुराई बंदरगाह पर प्रगति पर भी प्रकाश डाला। नई दिल्ली की ओर से दी जा रही यह सहायता बंदरगाह के विकास के लिए निर्धारित है, जिसका उद्देश्य समुद्री व्यापार क्षमताओं और मूलभूत ढांचे को प्रबलता प्रदान करना है।