रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा को ‘‘बहुत महत्वपूर्ण’’ बताया है और कहा है कि यह यात्रा तीन वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है।
भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा के महत्व पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कुमार ने कहा, "यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। यह तीन वर्ष के अंतराल के बाद हो रही है। हमारे यहां रूसी संघ के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री के मध्य शिखर-स्तरीय बैठकों के वार्षिक आदान-प्रदान की परंपरा है और अंतिम बार यह 2021 में हुई थी। इसलिए, तब से दुनिया भर में बहुत कुछ परिवर्तित हो गया है, परंतु हमारे संबंधों का भी विस्तार हुआ है।"
उन्होंने आगे कहा कि दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के बारे में बात करेंगे और आपसी हित के अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
भारतीय राजदूत ने कहा, "रूस अब भारत में ऊर्जा संसाधनों के सबसे महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है। इसके अतिरिक्त, अन्य क्षेत्रों में भी व्यापार का विस्तार हुआ है। इसलिए यह यात्रा नेताओं के लिए द्विपक्षीय संबंधों में इन सभी विकासों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है, साथ ही आपसी हितों के अन्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी।"
हालांकि, उन्होंने मोदी और पुतिन के मध्य चर्चा में किए जाने वाले मुद्दों के बारे में विस्तार से बात करने से परहेज किया और कहा कि वे यह अनुमान लगाने की स्थिति में नहीं हैं कि बैठक का एजेंडा क्या होगा।
यह 22वां भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन होगा, क्योंकि पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
यूक्रेन में देश के विशेष सैन्य अभियान के बाद यह मोदी की पहली रूस यात्रा भी होगी।