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नव-औपनिवेशिक विचार वैश्विक स्तर पर ब्रिक्स के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं: पुतिन

रूस की अध्यक्षता में आयोजित ब्रिक्स संसदीय फोरम का विषय 'न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करने में संसदों की भूमिका' है, जिसमें ब्रिक्स राष्ट्रों के प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं।
Sputnik
रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में गुरुवार से शुरू हुई दो दिवसीय 10वीं ब्रिक्स संसदीय फोरम की बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स सदस्यों और अन्य विकासशील देशों की कोशिशों का पश्चिम विरोध कर रहा है।

पुतिन ने कहा, "ब्रिक्स सदस्यों और अन्य विकासशील देशों के प्रयासों को तथाकथित "गोल्डन बिलियन" राज्यों के शासक कुलीन वर्ग के उग्र विरोध का सामना करना पड़ रहा है। ये वर्ग ऐतिहासिक मानदंडों के विरुद्ध और कभी-कभी अपने लोगों के दीर्घकालिक हितों के विरुद्ध भी कार्य करते हैं।"

राष्ट्रपति पुतिन ने ब्रिक्स संसदीय फोरम को संबोधित करते हुए आगे जोर देकर कहा कि एक-दूसरे के हितों का ख्याल रखना, लोकतंत्र पर भरोसा करना ब्रिक्स देशों के सहयोग के सिद्धांत हैं। रूस समझता है कि वास्तविक स्थिति को दर्शाने वाली विश्व व्यवस्था का निर्माण एक जटिल और कष्टदायक प्रक्रिया है।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में रूस का लक्ष्य सभी प्रतिभागियों के विकास के लिए परिस्थितियां बनाना है। रूस यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है कि नए ब्रिक्स सदस्य एकीकरण के तंत्र में प्रभावी रूप से एकीकृत हों जिसके साथ संयुक्त कार्य ब्रिक्स के रचनात्मक प्रभाव को मजबूत करने के साथ-साथ दुनिया को सुरक्षित बना सकता है, इसके अलावा हम व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को भी बढ़ावा दें।"

इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व स्पीकर ओम बिरला कर रहे हैं। उनके साथ राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्यसभा सांसद शंभू शरण पटेल, लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी समेत अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
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