इसी आपराधिक कड़ी में कनाडा के एडमोंटन में सोमवार को स्वामीनारायण संप्रदाय के हिंदू मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया है और दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए हैं। भित्तिचित्र में प्रयुक्त अपशब्दों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य पर भी हमला किया गया है।
घटना के बाद कनाडा में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इसकी निंदा की और कनाडा सरकार से बढ़ती चरमपंथी विचारधारा के विरुद्ध कार्रवाई करने का आह्वान किया।
संगठन ने एक पोस्ट में लिखा, "विहिप कनाडा एडमोंटन में बीएपीएस मंदिर में हिंदू विरोधी भित्तिचित्र और बर्बरता की कड़ी निंदा करता है।"
इस बीच आर्य ने मंगलवार को एक्स पर लिखा, "एडमोंटन में हिंदू मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में फिर से तोड़फोड़ की गई है। पिछले कुछ वर्षों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा के अन्य स्थानों पर हिंदू मंदिरों में घृणित भित्तिचित्रों को बनाने के साथ-साथ तोड़फोड़ भी की गई है।"
उन्होंने खालिस्तानी अलगाववादियों और हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा से जुड़ी अतीत की घटनाओं को याद करते हुए कहा, "सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पिछले वर्ष सार्वजनिक रूप से हिंदुओं से भारत वापस जाने का आह्वान किया था। खालिस्तान समर्थकों ने ब्रैम्पटन और वैंकूवर में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का सार्वजनिक रूप से जश्न मनाया और घातक हथियारों की तस्वीरें लहराईं।"
बता दें कि हाल के दिनों में खालिस्तानी अलगाववादियों द्वारा मंदिर पर हमले और इस प्रकार की धमकी भरे नारे लिखने का यह पहला मामला नहीं है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद खालिस्तान समर्थकों ने भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।