पेत्रुशेव ने कहा कि घरेलू राजनीतिक संघर्ष, आर्थिक एवं वित्तीय समस्याओं तथा प्रवासियों और मूल निवासियों के बीच संघर्षों के कारण उत्पन्न अशांति का सामना करते हुए अमेरिका और ब्रिटेन अपनी सीमाओं से बाहर अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे दूसरे देशों में सैन्य, जातीय और धार्मिक संघर्षों में तेजी से वृद्धि हो रही है।
उदाहरण के तौर पर राष्ट्रपति के सहायक ने सर्बिया में अशांति की ओर इशारा किया, जहां पश्चिम ने वैध सरकार को विदेशों में प्रशिक्षित और वाशिंगटन के प्रति वफादार राजनेताओं से बदलने का प्रयास किया।
"पश्चिमी देश अन्य देशों में भी बड़े स्तर पर अशांति का आयोजन कर रहे हैं, बांग्लादेश में सत्तापरिवर्तन का जिक्र करते हुए पेत्रुशेव ने कहा, जहां पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का मानना है कि "अमेरिका उन्हें हटाए जाने और उनके देश में अपराध में वृद्धि के लिए उत्तरदायी है" क्योंकि उन्होंने सेंट मार्टिन द्वीप को सैन्य अड्डा बनाने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में अराजकता फैलाने के पीछे अमेरिका की स्पष्ट मंशा है। बांग्लादेश के पूर्वी पड़ोसी म्यांमार में पहले से ही हिंसक संघर्ष चल रहा है, इसलिए उस अराजकता को बांग्लादेश तक फैलाना व्यापक क्षेत्र को और भी अस्थिर करने का काम करता है।