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तुर्की ने आधिकारिक तौर पर ब्रिक्स में शामिल होने का किया आवेदन: मीडिया

ब्राजील, रूस, भारत और चीन को एकजुट करते हुए, ब्रिक्स की स्थापना 2009 में सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक सहयोग मंच के रूप में की गई थी। दक्षिण अफ्रीका 2010 में समूह में शामिल हुआ।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तुर्की ने औपचारिक रूप से दुनिया भर में अपनी प्रभाव बढ़ा रहे ब्रिक्स समूह में शामिल होने के लिए कहा है। इस समूह का हिस्सा बनने के साथ ही वह अपने पारंपरिक पश्चिमी सहयोगियों से परे नए संबंध बनाना चाहता है।

अमेरिकी अखबार ब्लूमबर्ग ने कहा, "इस मामले से परिचित लोगों के अनुसार, तुर्की ने उभरते बाजार वाले देशों के ब्रिक्स समूह में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से अनुरोध किया है, क्योंकि वह अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाना चाहता है और अपने पारंपरिक पश्चिमी सहयोगियों से परे नए संबंध बनाना चाहता है।"

तुर्की ने ब्रिक्स का सदस्य बनने के लिए उस समय आवेदन किया है जब वह उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के एक प्रमुख सदस्य के रूप में भी कार्य कर रहा है।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि यूरोप और एशिया में फैले तुर्की ने यूरोपीय संघ में शामिल होने के अपने दशकों पुराने प्रयास में प्रगति की कमी से हताश होकर कुछ महीने पहले ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। रिपोर्ट के अनुसार यह प्रयास आंशिक रूप से नाटो के अन्य सदस्यों के साथ मतभेद का भी परिणाम है।
इससे पहले भारत के बाद रूस ने 1 जनवरी, 2024 को समूह की वर्ष में बदलने वाली अध्यक्षता संभाली। उसी दिन मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिक्स में सम्मिलित हो गए जिससे इस ग्रुप में सदस्यों का विस्तार हुआ।
इसके अलावा, सऊदी अरब ने भागीदारी के लिए औपचारिक रूप से आवेदन नहीं किया है, लेकिन वह ब्रिक्स बैठकों में भाग ले रहा है।
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