इस बैठक में पेट्रोलिंग के रास्तों पर चर्चा की गई है ताकि जल्द से जल्द उसे शुरू किया जा सके। दोनों ही जगहों पर मई 2020 के बाद बने अस्थायी बंकरों, शेड, मोर्चों, टेंटों को हटाने का काम पूरा हो गया है। दोनों ओर से सैनिक तय दूरी तक वापस लौट गए हैं। सैनिकों और अस्थायी निर्माणों को हटाने के काम का दोनों ही पक्षों ने निरीक्षण पूरा कर लिया है।
दीवाली पर भारत-चीन की सीमा पर बनाए गए पांच मीटिंग प्वाइंट्स पर मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है। इनमें से डेपसांग और स्पांगुर गैप लद्दाख में, नाथू ला सिक्किम में, बुमला और किबिथू अरुणाचल प्रदेश में हैं।
भारत और चीन के बीच हुए समझौते के अनुसार लद्दाख के डेपसांग मैदानों और डेमचौक से सैनिकों की वापसी हुई है। इन दोनों ही जगहों पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल कर दी गई है और सैनिक गश्त शुरू हो रही है। समझौते के मुताबिक दोनों ही सेनाएं गश्त से पहले एक-दूसरे को गश्त के समय, रास्ते और सैनिकों की संख्या की सूचना देंगे। इससे किसी किस्म के संदेह या विवाद की स्थिति नहीं आएगी।
भारत ने रूस में आयोजित ब्रिक्स 2024 की बैठक से ठीक पहले दिल्ली में दोनों जगहों से सैनिकों की वापसी की घोषणा की थी। पिछले सप्ताह से ही अस्थायी निर्माणों का हटाया जाना शुरू हो गया था। ब्रिक्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 2020 के बाद पहली बार मुलाक़ात भी हुई थी। लद्दाख में गोगरा, हॉटस्प्रिंग, पेंगांग झील जैसे कई स्थान हैं जहां सैनिकों की वापसी होनी है। इन जगहों पर भी तनाव खत्म करने पर बातचीत चल रही है।