यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

नाटो देशों ने तीन वर्षों में यूक्रेन को दी लगभग 200 बिलियन की सहायता

Sputnik की गणना के अनुसार, नाटो के सदस्य देशों ने पिछले तीन वर्षों में यूक्रेन को 191.2 बिलियन डॉलर की सहायता दी है। यह आंकड़े यूक्रेनी वित्त मंत्रालय और कील विश्वविद्यालय से प्राप्त किए गए हैं।
Sputnik
फरवरी 2022 से जनवरी 2025 तक नाटो के 32 देशों ने मिलकर यूक्रेन को कुल 191.2 बिलियन डॉलर की सहायता प्रदान की। इस सहायता में 43.3 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता शामिल थी, जो यूक्रेन के सामाजिक और बजटीय खर्चों के लिए खर्च की गई। इसके अतिरिक्त, 13.4 बिलियन डॉलर की मानवीय सहायता दी गई और 133.4 बिलियन डॉलर के सैन्य उपकरण यूक्रेन को भेजे गए।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने कुल सहायता का 54% यानी 103.8 बिलियन डॉलर प्रदान किए। इसमें हथियारों के लिए 68.9 बिलियन डॉलर, मानवीय सहायता के लिए 3.7 बिलियन डॉलर और बजटीय सहायता के लिए 31.2 बिलियन डॉलर शामिल हैं।
जर्मनी ने यूक्रेन को 17 बिलियन डॉलर की सहायता दी, जो नाटो देशों द्वारा प्रदान की गई कुल सहायता का 8.9% है। इसके बाद ब्रिटेन का नंबर आता है, जिसने 14.8 बिलियन डॉलर (7.7%) का योगदान दिया।
शेष देशों का योगदान इससे कम था। शीर्ष दस दाताओं में कनाडा (8.3 बिलियन डॉलर), डेनमार्क (7.95 बिलियन डॉलर) और नीदरलैंड (7.5 बिलियन डॉलर) शामिल हैं। स्वीडन ने 5.3 बिलियन डॉलर, फ्रांस ने 4.8 बिलियन डॉलर, पोलैंड ने 3.9 बिलियन डॉलर और नॉर्वे ने 3 बिलियन डॉलर की सहायता दी। शेष 22 देशों ने कुल मिलाकर 14.8 बिलियन डॉलर की सहायता दी, जो नाटो की कुल सहायता का मात्र 7.7% था।
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