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मैक्रों की पत्नी के खिलाफ सवाल पूछने पर फ़्रांस में पत्रकारों का हो रहा उत्पीड़न! रूस ने लगाया आरोप

FILE. French President Emmanuel Macron and his wife Brigitte Macron attend a national memorial ceremony for Hubert Germain at the Hotel des Invalides, Friday Oct.15, 2021 in Paris. A group of atypical journalists, on the autism spectrum, got France's 45-year-old president to talk about himself with unusual and illuminating candour in a televised interview this weekend. (Ludovic Marin, Pool Photo via AP)
Sputnik को इंटरव्यू देते हुए रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों की पत्नी के खिलाफ जांच कर रहे फ्रांसीसी पत्रकारों के उत्पीड़न की निंदा की और इसे स्वतंत्रता पर रोक लगाने का उदाहरण बताया।
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रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के परिवार से जुड़े मामले की जांच पर टिप्पणी करते हुए कहा कि फ्रांसीसी पत्रकारों को असहज सवाल पूछने पर फ्रांस की सरकार के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
राजनयिक ने कहा, "फ्रांसीसी पत्रकारों को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे अपने सवाल पूछने की हिम्मत कर रहे हैं।"
दिसंबर 2021 में फ्रांस में राष्ट्रपति चुनावों से कुछ महीने पहले स्वतंत्र पत्रकार नताशा रे ने दावा किया कि वह कई वर्षों से फ्रांस की प्रथम महिला ब्रीजिट मैक्रों के खिलाफ जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों से 24 साल बड़ी स्कूल टीचर ब्रीजिट, जिनका पहले नाम ट्रोनिए था, असल में एक पुरुष के रूप में पैदा हुई थीं।
फ्रांस की अपील अदालत ने जून 2023 में स्वतंत्र पत्रकार नताशा रे और ब्लॉगर अमांडिन रुआ को फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिजिट मैक्रों से जुड़ी जानकारी फैलाने के मामले में मानहानि का दोषी करार दिया। इसके बाद सितंबर 2024 में उन्हें इस मामले में जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई।
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