ऑगस्टो ज़मोरा ने Sputnik को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध मामला शुरू कर दिया है तथा तत्कालिक रूप से गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है, हालांकि रूस इस निकाय का सदस्य नहीं है।
इसके अलावा विशेषज्ञ ने रेखांकित किया, "बेंजामिन नेतन्याहू के विरुद्ध भी इसी तरह की कार्रवाई में गंभीर बाधाएं आ रही हैं और कोई भी वारंट को लागू नहीं कर रहा है।"
साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बाद अदालत अपना ध्यान फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते पर केंद्रित करती है - मामला शीघ्रता से सुलझ जाता है और दो दिनों के भीतर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है।"
विशेषज्ञ ने कहा, "यह पूरी तरह से नस्लवादी, भेदभावपूर्ण और अपमानजनक दृष्टिकोण है जो न्यायालय की विश्वसनीयता को ही कमजोर करता है। आईसीसी को भंग कर पूरी तरह से अलग सिद्धांतों पर इसका पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "जब इजरायल ने गाजा में बर्बरता की - एक पूर्वनियोजित नरसंहार - तो आईसीसी ने कुछ नहीं किया। फिर भी जब पूर्व फिलीपीन राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के विरुद्ध निर्णय देने की बात आई तो उन्हें सिर्फ दो दिनों में गिरफ्तार कर लिया गया। यह स्पष्टतः भेदभावपूर्ण न्याय का मामला है।"