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भारत ने किया नए लेज़र हथियार का सफ़ल परीक्षण, दुश्मन के ड्रोन हमले होंगे नाकाम

रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (DRDO) ने लेजर निर्देशित ऊर्जा हथियार यानि DEW मार्क-2(A) का सफल परीक्षण किया है। राष्ट्रीय ओपन एयर रेंज, कुरनूल में हुए इस परीक्षण से मिसाइलों, ड्रोन जैसे छोटे लक्ष्यों को निष्प्रभावी बनाने की क्षमता प्राप्त होगी।
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इस परीक्षण ने भारत को उन चुने हुए देशों की सूची में जोड़ दिया है जिनके पास उच्च क्षमता की लेज़र वाले DEW हैं। मार्क-2(A) DEW सिस्टम ने लंबी दूरी से बड़ी संख्या में ड्रोन हमलों से बचाव और शत्रु के निगरानी सेंसरों को विफल करने की अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन किया है।
बिजली की गति से कुछ सेकंड में ही लक्ष्य पर सटीक और घातक हमला करने की इसकी क्षमता इसे सर्वश्रेष्ठ ड्रोन रोधक सिस्टम बनाती है। इस सिस्टम को DRDO के उच्च ऊर्जा प्रणाली एवं विज्ञान केंद्र (CHESS) ने देश में इस क्षेत्र में काम कर रहे कुछ अन्य सहयोगी संस्थानों के साथ मिलकर निर्मित किया है।
एक बार रडार या सिस्टम के इलेक्ट्रो-ऑप्टिक प्रणाली से ड्रोन का पता लगने के बाद लेज़र DEW प्रकाश की गति से शक्तिशाली लेज़र बीम लक्ष्य पर फेंकती है जिससे उसके ढांचे को नुकसान पहुंचता है। यदि यह लेज़र बीम वॉरहेड पर डाली जाए तो परिणाम अत्यधिक प्रभावी होते हैं। इस तरह की अत्याधुनिक क्षमता से महंगे गोला बारूद के प्रयोग में भी कमी आएगी और आसपास होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।
पिछले कुछ वर्षों में युद्ध में ड्रोन का प्रयोग बहुत तेज़ी से बढ़ा है। ये सटीक और सस्ते हैं, छोटे होने के कारण इन्हें ढूंढ पाना कठिन है और इन्हें नष्ट करना ज्यादा मंहगा है। DEW जैसे ड्रोन रोधी सिस्टम अकेले या झुंड में आने वाले ड्रोन से निबटने के सस्ते और भरोसमंद विकल्प हैं।
पूरी दुनिया में कम मूल्य के ड्रोन रोधी सिस्टम की गहन खोज और अनुसंधान हो रहा है। भारत ने जिस DEW सिस्टम का परीक्षण किया है उसे कुछ सेकंड तक फ़ायर करने में मात्र कुछ लीटर पेट्रोन के मूल्य जितना खर्च आएगा। इसलिए माना जा रहा है कि इस तरह के सिस्टम लंबे समय तक सस्ते ड्रोन रोधी उपाय के तौर पर काम करते रहेंगे।
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