रविवार की रात तीसरी बार खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पर नारे लिखकर उसे क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की।
वहीं कनाडाई हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स (CHCC) ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इस हमले की निंदा की और सुरक्षा एजेंसियों से जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया।
CHCC ने एक्स पर लिखा, "हम खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा ब्रिटिश कोलंबिया में लक्ष्मी नारायण मंदिर के साथ की गई बर्बरता की दृढ़ता से निंदा करते हैं। हिन्दू फोबिया के इस अधिनियम का कनाडा में कोई स्थान नहीं है। हम त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं और सभी कनाडाई लोगों से नफरत के खिलाफ एकजुट होने के लिए कहते हैं।"
वहीं संसद में ओटावा नेपियन का प्रतिनिधित्व करने वाले कनाडाई संसद सदस्य चंद्र आर्य ने भी दृढ़ता से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि खालिस्तानी हिन्दू आवाजों को दबा रहे हैं।
आर्य ने लिखा, "हिंदू मंदिरों पर हमले, जो कई साल पहले शुरू हुए थे, आज भी जारी हैं, हिंदू मंदिर पर यह नवीनतम भित्तिचित्र खालिस्तानी चरमपंथ के बढ़ते प्रभाव की एक और भयावह याद दिलाता है। अच्छी तरह से संगठित, अच्छी तरह से वित्त पोषित, और महत्वपूर्ण राजनीतिक पहुँच से समर्थित, खालिस्तानी तत्व अपने प्रभुत्व का दावा कर रहे हैं और कनाडा में हिंदू आवाज़ों को सफलतापूर्वक दबा रहे हैं।"
इसके आगे उन्होंने कहा कि न तो पुलिस और न ही राजनीतिक नेता इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने स्थिति को स्थानीय हिंदू समुदाय के लिए परेशान करने वाला बताया, जो खुद को असमर्थित और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
इससे पहले भी कई बार हिन्दू मंदिरों को विरूपित करने की कोशिश की जा चुकी है और कनाडा प्रशासन इन हमलों को रोकने में सफल नहीं हो सका है।