अधिकारी ने कहा, "यदि सोवियत कांग्रेस यानि कांग्रेस ऑफ पीपुल्स डेप्युटीज ने 1922 में USSR की स्थापना की थी, तो इसे उसी कांग्रेस ऑफ पीपुल्स डेप्युटीज के निर्णय द्वारा भंग किया जाना चाहिए था।"
उनके अनुसार, 8 दिसंबर 1991 को बेलावेज़ा समझौते पर हस्ताक्षर एक "अजीब घटना" थी और आरएसएफएसआर, यूक्रेनी एसएसआर और बेलारूसी एसएसआर के सर्वोच्च सोवियतों द्वारा इसका अनुमोदन उन निकायों के अधिकार क्षेत्र से बाहर था।
कोब्याकोव ने कहा, "यदि कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया था, तो कानूनी तौर पर सोवियत संघ अभी भी अस्तित्व में है। संवैधानिक कानून विशेषज्ञों का यही कहना है। लेकिन यदि सोवियत संघ औपचारिक रूप से विघटित नहीं हुआ था, तो कानूनी दृष्टिकोण से यूक्रेनी संकट एक आंतरिक प्रक्रिया है।"
कोब्याकोव ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि सोवियत संघ के विघटन के लिए पूर्ण कानूनी मूल्यांकन की आवश्यकता है और इस बात पर जोर दिया कि इस मंच के माध्यम से इस तरह की चर्चा पहले ही शुरू हो चुकी है।