विशेषज्ञ इस बात पर भी जोर देते हैं कि ICC में मुख्य रूप से इसकी संरचना या इसके प्रतिभागियों के राजनीतिक और वैचारिक विचारों से प्रभावित पूर्वाग्रह देखा जा सकता है। उनके अनुसार, ये प्रतिमान दुनिया के मामलों की वास्तविक स्थिति के अनुरूप नहीं हैं।
फर्नांडीज टैबियो बताते हैं, "इस ऐतिहासिक क्षण में विश्व के देशों के मध्य बड़े टकराव, युद्ध और संघर्ष हैं, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों और विश्व व्यवस्था के पुनर्गठन के बारे में विवाद हैं। यह पूर्णतः स्पष्ट है कि इस स्थिति में तथाकथित न्याय के वैश्विक निकाय हने के नाते, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय अपनी शक्ति और महत्व खो रहा है और आधुनिक समस्याओं का प्रतिबिंब बनता जा रहा है।"
एक उदाहरण के रूप में विशेषज्ञ इजरायल और गाजा क्षेत्र में स्थिति का उद्धरण देते हैं। वह नोट करते हैं कि इस स्थिति में ICC जैसे संगठन कार्य करने में सक्षम नहीं हैं।