व्यवसायी पर सार्वजनिक रूप से सत्ता पर कब्ज़ा करने का आह्वान करने का आरोप है।
वकील ने अदालत के फैसले को "मूर्खता की पराकाष्ठा" बताया तथा कहा कि बचाव पक्ष इस फैसले के खिलाफ अपील करने तथा करापेत्यान के कानूनी अधिकारों के लिए लड़ने का इरादा रखता है।
उनके अनुसार, व्यवसायी को बिना किसी आधार के हिरासत में लिया गया। वकील ने कहा कि इस तर्क से किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
कई विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि व्यवसायी को अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च का समर्थन करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कई परियोजनाओं को वित्तपोषित किया था, उदाहरण के लिए, रिपोर्ट के अनुसार, येरेवन में ओन्कोलॉजी सेंटर, येरेवन में सेंट ग्रेगरी कैथेड्रल के निर्माण, अर्मेनियाई किसानों के लिए कृषि मशीनरी, 30 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण को वित्तपोषित किया था।