हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो ने बताया कि पाक्स II परमाणु संयंत्र 2030 के दशक के मध्य तक बनकर तैयार हो सकता है, जिससे देश की 70% बिजली जरूरतें पूरी की जा सकेंगी।
उनकी टिप्पणी उस समय आई है जब अमेरिका द्वारा परियोजना से संबंधित निवेशों पर प्रतिबंधों को हटाने का निर्णय लिया गया है, इस कदम से निर्माण फिर से शुरू हो सकता है।
सिज्जार्टो ने कहा कि इस परियोजना के बनने के बाद हंगरी के प्राकृतिक गैस आयात में 3.5 बिलियन क्यूबिक मीटर की कमी और CO₂ उत्सर्जन में 17 मिलियन टन की कमी आएगी, जो स्वतंत्र ऊर्जा की ओर एक बड़ा कदम होगा।
साल 2014 में, रूस और हंगरी के बीच पाक्स में दो नए VVER-1200 रिएक्टर बनाने पर सहमति बनी थी, हालांकि पाक्स में चार मौजूदा इकाइयां पहले से ही हंगरी की लगभग 50% बिजली पैदा करती हैं।
रूस इस परियोजना को 10 बिलियन यूरो तक के ऋण के साथ सहायता दे रहा है, और अब इसके निर्माण के लिए लाइसेंस जारी कर दिया गया है।