मुख्य आकर्षण:
संस्कृति का संगम: महोत्सव में भारतीय निर्माताओं के उत्पाद, पारंपरिक वस्त्र, आभूषण, और भारतीय व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए। इसके अलावा, योग, ध्यान, और भारतीय नृत्य-संगीत प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की गईं।
रथ यात्रा: महोत्सव के अंतिम दिन मॉस्को में रथ यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें पारंपरिक भारतीय परिधान पहने लोग मंत्रोच्चारण करते हुए रथ को खींचते हुए चल रहे थे।
साझा इतिहास की याद: आयोजकों ने द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों की भूमिका और उनके योगदान को याद किया, जिसमें 2.5 मिलियन से अधिक भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश सेना में सेवा की थी।
वृक्षारोपण: भारतीय राजदूत विनय कुमार, मॉस्को के विदेशी आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख सर्गेई चेरेमिन, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने महोत्सव के दौरान एक सेब का पेड़ लगाया।
यह महोत्सव भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।