अज़रबैजान और जॉर्जिया के बीच अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारे का हिस्सा बने बाकू-बेयूक-केसिक रेलवे खंड (उजार-गाज़ीगाबुल सेक्शन) पर अब ट्रेनों की आवाजाही को डिजिटल सिस्टम के जरिए नियंत्रित किया जाएगा।
नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन के वाणिज्यिक उपमहानिदेशक दिमित्रि बोलोत्स्की ने बताया, "विदेशों में बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में हम स्थानीय साझेदारों के साथ ऐसे इकोसिस्टम बनाने का प्रयास करते हैं। हम उत्पादन का हिस्सा लोकलाइज करते हैं और रोजगार सृजित करते हैं। बाकू-बेयूक-केसिक लाइन का डिजिटलाइजेशन इस अंतरराष्ट्रीय सहयोग का सफल उदाहरण है। इससे लाइन पर गति और परिवहन क्षमता बढ़ेगी, और ट्रेनों की सुरक्षा बेहतर होगी।"
बोलोत्स्की ने बताया कि डिजिटल सिस्टम के लागू होने के बाद यात्री ट्रेनों की गति 100 किमी/घंटा से बढ़कर 140 किमी/घंटा और मालगाड़ियों की गति 80 किमी/घंटा से बढ़कर 120 किमी/घंटा हो जाएगी। भविष्य में ट्रेनों के बीच का अंतराल 20 मिनट से घटकर 8 मिनट होगा।
122 किलोमीटर लंबे उजार-गाज़ीगाबुल खंड का आधुनिकीकरण 1980 के बाद पहली बार हुआ। पुरानी रिले प्रणाली को आधुनिक डिजिटल स्वचालन से प्रतिस्थापित किया गया। अब स्टेशन डिस्पैचर्स कंप्यूटर के माध्यम से स्विच और सिग्नल बदल सकेंगे, मार्ग निर्धारित कर सकेंगे और उपकरणों की निगरानी कर समय रहते तकनीकी खराबियों का पता लगा सकेंगे।
नई प्रणाली 6 स्टेशनों, 19 रेलवे क्रॉसिंग और 120 से अधिक स्विचों को नियंत्रित करेगी। इसका निर्माण अज़रबैजान की कंपनी रेल ट्रांस सर्विस ने किया है, जबकि इसके डिज़ाइन और तकनीकी आधार में नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन की रूसी डिजिटल तकनीक का उपयोग किया गया है।
2019 से अब तक नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन ने बाकू-बेयूक-केसिक लाइन पर 711 स्विच और 27 स्टेशनों को डिजिटल नियंत्रण से लैस किया है, जिनमें ग्यान्जा, एव्लाख, उजार और बेयूक-केसिक के महत्वपूर्ण जंक्शन स्टेशन शामिल हैं।
यह परियोजना नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन की विदेशी अनुबंधों में व्यापक क्षमताओं और तकनीकी विशेषज्ञता को दर्शाती है। कंपनी न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी और जटिल रेल परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने में सक्षम है।