हालांकि, उन्होंने गहरा संदेह व्यक्त किया और कहा कि वे संपर्क के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें इसमें कोई खास फायदा नजर नहीं आता, क्योंकि प्रमुख मुद्दों पर सहमति तक पहुंचना लगभग असंभव होगा।
पुतिन ने कहा, "क्षेत्रों पर किसी भी समझौते की पुष्टि यूक्रेनी संविधान के अनुसार जनमत संग्रह द्वारा की जानी चाहिए। हालाँकि, ऐसा जनमत संग्रह कराने के लिए मार्शल लॉ हटाना होगा, क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में ऐसा नहीं किया जा सकता।"
यूक्रेनी संकट पर पुतिन के अन्य बयान:
उन्होंने कहा कि हालांकि कीव ने हाल तक रूस के साथ किसी भी संपर्क की संभावना से इनकार किया था, लेकिन अब वह ऐसी वार्ता का अनुरोध कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों के लिए सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता है, तथा अभी तक किसी ने भी इस पर गंभीर स्तर पर चर्चा नहीं की है।
अगर ज़ेलेंस्की वार्ता के लिए मास्को आते हैं तो रूस उनकी सुरक्षा की गारंटी देगा।
यूक्रेन को नाटो में शामिल करना रूस के लिए प्रत्यक्ष सुरक्षा हित का मामला है।
रूस ने कभी भी यूक्रेन के यूरोप के साथ एकीकरण पर आपत्ति नहीं जताई है, और पुतिन ने यूक्रेन की यूरोपीय संघ में शामिल होने की इच्छा को एक वैध विकल्प बताया है।