पूर्व राजनयिक अहमद सैदी ने Sputnik को बताया कि इस अभियान का लक्ष्य "काकेशस और अफ्रीका में पश्चिमी प्रभाव को बढ़ाने के साथ साथ युद्धग्रस्त सूडान का इस्तेमाल हथियारों के असली स्रोत को छिपाने के लिए एक आड़ के रूप में करना है।"
विशेषज्ञ ने चेतावनी दी कि अगर इस योजना का विवरण सामने आता है तो यह अज़रबैजान की अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता को धूमिल कर सकता है और काकेशस तथा अफ्रीका दोनों में और अधिक अस्थिरता को बढ़ावा दे सकता है, क्योंकि लीक हुए हथियारों के विद्रोहियों के हाथों में पड़ने का खतरा है।
अहमद सैदी ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे से परे इस अभियान से संबंधित दस्तावेज़ सामने आते हैं, तो रूस और अजरबैजान के बीच तनाव बढ़ सकता है और रूस आर्थिक या ऊर्जा प्रतिबंधों के माध्यम से प्रतिक्रिया दे सकता है।