बीजिंग में 7वें रूस-चीन ऊर्जा व्यवसाय मंच (RCEBF) के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए सेचिन ने न केवल एक भुगतान साधन के रूप में, बल्कि वैश्विक आरक्षित मुद्रा के रूप में भी अमेरिकी डॉलर की कमजोर होती स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस गिरावट का कारण प्रतिबंध लगाने के लिए डॉलर को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना बताया।
सेचिन ने कहा, "डॉलर की स्थिति न केवल एक भुगतान साधन के रूप में, बल्कि एक वैश्विक आरक्षित मुद्रा के रूप में भी कमजोर हो रही है। यह उसके प्रतिबंध लगाने के हथियार के रूप में उपयोग से प्रेरित है।"
उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक घटनाक्रम वैकल्पिक वित्तीय साधनों के लिए परिस्थितियां बना रहे हैं, विशेष रूप से सोने के लिए, जिसकी कीमतें ऐतिहासिक रूप से वैश्विक संकटों से पहले बढ़ती रही हैं।
सेचिन ने निष्कर्ष निकाला, "आज सोना अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड की जगह ले रहा है, जो धीरे-धीरे अपना ‘सेफ़ हेवन’ दर्जा खो रहे हैं।"
ये टिप्पणियां वैश्विक निवेशकों और नीति-निर्माताओं के बीच बढ़ती चर्चाओं को दर्शाती हैं, जिसमें आरक्षित संपत्तियों में विविधता लाने और भू-राजनीतिक तथा वित्तीय अनिश्चितताओं के विरुद्ध सुरक्षा के उपाय खोजने पर जोर दिया जा रहा है। यह प्रवृत्ति वैश्विक वित्तीय ढाँचे में संभावित बदलाव को रेखांकित करती है, खासकर आर्थिक प्रतिबंधों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर की बदलती भूमिका के संदर्भ में।