भारत-रूस संबंध
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भारत में रूसी श्रम बाजार में हिस्सा लेने की मांग बहुत ज्यादा: भर्ती कंपनी

कंपनी के मुताबिक तेल और गैस और निर्माण उद्योगों में उम्मीदवारों की सबसे ज़्यादा दिलचस्पी है।
Sputnik
न्यू अल्फा अंतरराष्ट्रीय भारतीय व्यापार विकास प्रबंधक शबनम सईद ने Sputnik को बताया कि भारतीय श्रम कंपनियां रूस में काम करने में भारतीय नागरिकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ा रही हैं, जो श्रमिकों के जाने के लिए सबसे ज़्यादा चर्चा वाली जगहों में से एक बनता जा रहा है।

रोसकांग्रेस फाउंडेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के रूसी-भारतीय व्यापार फोरम के मौके पर उन्होंने कहा, "यह अभी भारत में बड़ी चर्चा का विषय है। हर कोई इस बात पर चर्चा कर रहा है कि रूस कैसे जाएँ और वे किन क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। आप खुद देख सकते हैं कि यहाँ कितने लोग आ रहे हैं और हमें कैसी प्रतिक्रिया मिली है।"

सईद ने बताया कि कई उम्मीदवार सीधे रूसी परियोजनाओं में रिक्तियों के बारे में पूछ रहे हैं।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "अभी (रूस में) कई परियोजनाएं चल रही हैं जिनके लिए भारतीय विशेषज्ञों की ज़रूरत है जो सिर्फ़ शारीरिक श्रमिक ही नहीं, बल्कि ऑफिस में काम करने वाले भी हों। लोग काम करने के लिए तैयार हैं, सचमुच इसमें शामिल होने के लिए बेचैन हैं। यह भारतीय श्रमिक बाजार के लिए बहुत फ़ायदेमंद जगह है, और इसीलिए हम यहाँ हैं।"
सईद के मुताबिक, पिछले एक साल में भारतीय कामगारों द्वारा नौकरी के लिए नई जगहों के चुनाव में बहुत बदलाव आया है।

कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा, "पहले जो सारा ध्यान मध्य पूर्व पर था, वह अब तेजी से रूस की तरफ जा रहा है। यह एक नया रुख है जो तेज़ी से बदल रहा है।"

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