यह बिल औपनिवेशिक शासन (1830-1962) को एक अपराध मानता है, जिसमें यातना, नरसंहार, आर्थिक शोषण और सांस्कृतिक पहचान मिटाने का ज़िक्र है।
संसद स्पीकर इब्राहिम बोगली ने इसे "संप्रभुता का सर्वोच्च कार्य" और अल्जीरिया के अतीत के प्रति एक नैतिक रुख बताया।
इस कदम का मकसद अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत फ्रांस से आधिकारिक मान्यता प्राप्त करना, माफी मंगवाना और मुआवज़ा हासिल करना है।