सफलता के लिए संकीर्ण विचारों से मुक्त होने की जरूरत है: प्रधानमंत्री
17:44 26.12.2022 (अपडेटेड: 19:28 02.05.2023)
© Sputnik / POOL / मीडियाबैंक पर जाएंIndia's Prime Minister Narendra Modi takes part in the Shanghai Cooperation Organisation (SCO) summit in Samarkand, Uzbekistan.
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भारत आज 'वीर बाल दिवस' मना रहा है। इस अवसर पर दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए।
पीएम मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह के वीर पुत्रों ज़ोरावर सिंह और फ़तेह सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया। पहले 'वीर बाल दिवस' कार्यक्रम में बोलते हुए मोदी ने कहा, यदि हमें भविष्य में भारत को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाना है तो अतीत के संकीर्ण विचारों से आजाद होना होगा।
"एक ओर आतंक की पराकाष्ठा तो दूसरी ओर अध्यात्म का शीर्ष, एक ओर मजहबी उन्माद तो दूसरी ओर सबमें ईश्वर देखने वाली उदारता, एक ओर लाखों की सेना तो दूसरी ओर अकेले निडर खड़े गुरु के वीर साहिबजादे थे," पीएम मोदी ने गुरु के दो शहीद बच्चों का जिक्र करते हुए कहा।
औरंगजेब और उसके लोग तलवार के बल पर गुरु गोबिंद सिंह के बच्चों का धर्म परिवर्तन करना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने दो मासूम बच्चों को मारने का फैसला किया। इसके साथ ही मोदी ने कहा, उस युग की कल्पना करें जब औरंगजेब के आतंक के खिलाफ, भारत को बदलने की उनकी योजनाओं के खिलाफ, गुरु गोबिंद सिंह जी पहाड़ की तरह खड़े रहे।
इस दौरान उन्होंने इतिहास के सिलेबस पर भी सवाल उठाए। पीएम ने कहा कि इतिहास के नाम पर लोगों को ऐसे पाठ पढ़ाए जा रहे हैं जो उनमें हीन भावना को बढ़ावा देते हैं। साहिबजादों के बलिदान के त्याग और उनकी इतनी बड़ी 'शौर्यगाथा' को इतिहास में भुला दिया गया। लेकिन अब 'नया भारत' दशकों पहले हुई एक पुरानी भूल को सुधार रहा है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर इतिहास को तोड़ मड़ोड़कर गलत सन्दर्भ में पेश कर देश को गुमराह करने का आरोप लगती रही है।
बता दें कि सरसा नदी के तट पर मुगल सेना द्वारा युद्ध के दौरान दोनों साहिबजादे को बंदी बना लिया गया था। उनसे इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा और ये बात न मानने पर उन्हें कथित तौर पर जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया था।
इस दौरान उन्होंने इतिहास के सिलेबस पर भी सवाल उठाए। पीएम ने कहा कि इतिहास के नाम पर लोगों को ऐसे पाठ पढ़ाए जा रहे हैं जो उनमें हीन भावना को बढ़ावा देते हैं। साहिबजादों के बलिदान के त्याग और उनकी इतनी बड़ी 'शौर्यगाथा' को इतिहास में भुला दिया गया। लेकिन अब 'नया भारत' दशकों पहले हुई एक पुरानी भूल को सुधार रहा है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर इतिहास को तोड़ मड़ोड़कर गलत सन्दर्भ में पेश कर देश को गुमराह करने का आरोप लगती रही है।
बता दें कि सरसा नदी के तट पर मुगल सेना द्वारा युद्ध के दौरान दोनों साहिबजादे को बंदी बना लिया गया था। उनसे इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा और ये बात न मानने पर उन्हें कथित तौर पर जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया था।