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नेपाल: यूएमएल कम्युनिस्ट पार्टी ने सत्तारूढ़ प्रचंड सरकार से समर्थन वापस लिया

© AFP 2023 PRAKASH MATHEMASupporters of caretaker Nepal's Prime Minister KP Sharma Oli and members of the Communist Party Nepal-Union Marxist Leninist (CPN-UML) chant slogans against the Supreme Court's decision to ousting the sitting prime minister and restore the dissolved parliament, in Kathmandu on July 12, 2021.
Supporters of caretaker Nepal's Prime Minister KP Sharma Oli and members of the Communist Party Nepal-Union Marxist Leninist (CPN-UML) chant slogans against the Supreme Court's decision to ousting the sitting prime minister and restore the dissolved parliament, in Kathmandu on July 12, 2021.  - Sputnik भारत, 1920, 27.02.2023
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नेपाल में संसदीय चुनाव पिछले साल नवंबर महीने में हुए थे, लेकिन किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। जिसके बाद पुष्प कमल दहल के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का गठन हुआ।
पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) (सीपीएन-यूएमएल) ने नौ मार्च को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए उम्मीदवार के चयन पर सहमति नहीं बनने के बाद औपचारिक रूप से सत्तारूढ़ गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया है।

"पार्टी प्रमुख केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में सोमवार को हुई पार्टी की एक उच्च स्तरीय बैठक में सरकार से हटने और प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से पार्टी का समर्थन वापस लेने का फैसला किया गया है," सीपीएन-यूएमएल के उप प्रमुख बिष्णु रिजाल ने मीडिया से कहा।

हालांकि, रिजाल ने कहा कि सीपीएन-यूएमएल के आठ मंत्री इस्तीफा देंगे, जिनमें उप प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु पौडयाल और विदेश मंत्री बिमला राय पौदयाल भी शामिल हैं। दरअसल प्रमुख पुष्प कमल दहल पार्टी द्वारा सीपीएन-यूएमएल के उम्मीदवार सुबास नेमबांग को खारिज करने और पौडेल का समर्थन करने के बाद यह निर्णय आया है।
गौरतलब है कि नेपाली कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल की उम्मीदवारी को प्रधानमंत्री प्रचंड की पार्टी और सात अन्य दलों का समर्थन प्राप्त है। 78 वर्षीय पौडेल और 69 वर्षीय नेमबांग दोनों ने 25 फरवरी को अपनी उम्मीदवारी दाखिल की। ​​स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पौडेल हिमालयी राष्ट्र के अगले राष्ट्रपति बनने की दौर में फिलहाल आगे हैं। विदित है कि नेपाल की वर्तमान राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का कार्यकाल 13 मार्च को समाप्त होगा।
हालांकि गठबंधन में फूट पड़ने से सरकार के गिरने की संभावना नहीं है क्योंकि नेपाली कांग्रेस पार्टी सरकार का समर्थन करना जारी रखे हुए है।
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