आज से शुरू हुई नई दिल्ली में G20 विदेश मंत्रियों की बैठक
© Photo : Social Media Prime Minister Narendra Modi addresses participants of the G20 finance ministers' and central bank governors' meeting
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नई दिल्ली (Sputnik) - G20 सदस्य देशों के विदेश मंत्री, साथ ही भारत द्वारा विशेष रूप से आमंत्रित मंत्री और अंतर्राष्ट्रीय संगठन, 1 से 2 मार्च को होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली में उपस्थित रहेंगे। इस आयोजन में कुल मिलाकर 40 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे जिनमें भारत द्वारा आमंत्रित वे देश भी शामिल हैं जो G20 के सदस्य नहीं हैं।
यह प्रतीत होता है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभाव पर G20 विदेश मंत्रियों को संबोधित कर सकते हैं। इसके अलावा विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और अन्य भारतीय वरिष्ठ अधिकारी उभरते मुद्दों और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर भारत के दृष्टिकोण को साझा करने वाले हैं।
विदेश मंत्रियों की बैठक रात्रि भोजन और वार्ता के साथ शुरू होगी और दूसरे दिन दो सत्र होंगे जिसमें पहला बहुपक्षवाद, सुधार, खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा और विकास सहयोग की आवश्यकता पर केंद्रित होगा वहीं दूसरे सत्र में आतंकवाद-विरोधी नए और उभरते खतरों, वैश्विक कौशल मिलान, प्रतिभा पूल और मानवीय आपदा राहत पर है। पहले और दूसरे दिन कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी।
यह उम्मीद की जाती है कि विदेश मंत्रियों की बैठक के मुद्दों में से एक मुद्दा यूक्रेन पर रूस का विशेष सैन्य अभियान भी हो सकता है और इसके साथ विभिन्न वैश्विक समस्याओं को हल करने के तरीके के ऊपर भी चर्चा हो सकते हों।
G20 के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद 3 और 4 मार्च को भू-राजनीति और भू-रणनीति, रायसीना डायलॉग्स पर भारत के प्रमुख सम्मेलन में भाग लेने के लिए कई G20 विदेश मंत्री नई दिल्ली में रहेंगे। यह कार्यक्रम भारतीय विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली में स्थित थिंक टैंक Observer Research Foundation (ORF) द्वारा आयोजित किया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस सम्मेलन में 100 देशों के ढाई हजार से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे।
विदेश मंत्रियों की बैठक रात्रि भोजन और वार्ता के साथ शुरू होगी और दूसरे दिन दो सत्र होंगे जिसमें पहला बहुपक्षवाद, सुधार, खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा और विकास सहयोग की आवश्यकता पर केंद्रित होगा वहीं दूसरे सत्र में आतंकवाद-विरोधी नए और उभरते खतरों, वैश्विक कौशल मिलान, प्रतिभा पूल और मानवीय आपदा राहत पर है। पहले और दूसरे दिन कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी।
यह उम्मीद की जाती है कि विदेश मंत्रियों की बैठक के मुद्दों में से एक मुद्दा यूक्रेन पर रूस का विशेष सैन्य अभियान भी हो सकता है और इसके साथ विभिन्न वैश्विक समस्याओं को हल करने के तरीके के ऊपर भी चर्चा हो सकते हों।
G20 के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद 3 और 4 मार्च को भू-राजनीति और भू-रणनीति, रायसीना डायलॉग्स पर भारत के प्रमुख सम्मेलन में भाग लेने के लिए कई G20 विदेश मंत्री नई दिल्ली में रहेंगे। यह कार्यक्रम भारतीय विदेश मंत्रालय और नई दिल्ली में स्थित थिंक टैंक Observer Research Foundation (ORF) द्वारा आयोजित किया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस सम्मेलन में 100 देशों के ढाई हजार से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे।