भारत-रूस संबंध
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मास्को में चिकित्सा तथा औषधीय व्यापार पर रूसी-भारतीय एक उच्च स्तरीय व्यापार बैठक शुरू

© Sputnik / Alexandr Kryazhev / मीडियाबैंक पर जाएंThe liquid preparations filling and packing line at the plant of pharmaceutical company. File photo
The liquid preparations filling and packing line at the plant of pharmaceutical company. File photo - Sputnik भारत, 1920, 13.03.2023
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13-14 मार्च, 2023 को फार्मास्युटिकल व्यवसाय पर रूसी-भारतीय एक उच्च स्तरीय व्यापार बैठक मास्को में आज से शुरू हो रहा है।
इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय औषध निर्माण कंपनियों और रूसी कारोबारियों के बीच व्यावसायिक संपर्क स्थापित करना, रूसी औषधीय उद्योग और आयातकों के साथ सहयोग की संभावनाएं तलाशना और इस वाणिज्य को एक नई मुकाम पर पहुँचाना है।
भारत से फार्मास्युटिकल कंपनियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (Pharmexcil), भारतय फार्मास्युटिकल क्षेत्र का सर्वोच्च निकाय कर रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल में फॉर्मूलेशन, एपीआई, बल्क मेडिसिन, हर्बल या आयुर्वेदिक दवाओं और फार्मास्युटिकल सेवाओं में शामिल भारतीय कंपनियों के 54 प्रतिनिधि शामिल हैं।
याद दिला दें की भारत में नव-नियुक्त रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने शुक्रवार को कहा था, कि यूक्रेन विवाद के मद्देनजर अधिक विदेशी कंपनियां रूस से पीछे हट गई हैं, और इनके रिक्त स्थान को भारतीय दवा कंपनियां रूसी बाजार छोड़ने वाले, पश्चिमी निर्माताओं की रिक्त स्थान को भर सकती हैं। और भारत एक " विश्वस्तरीय फार्मेसी" है, और जेनेरिक दवाओं का सबसे अग्रणी निर्माता है।
अलीपोव ने Sputnik के हवाले से कहा था कि "रूसी बाजार से कई पश्चिमी कंपनियों की रवानगी के बाद खाली हो गए स्थान वास्तव में कई उद्योगों में, विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल्स में भारतीय कंपनियों द्वारा पूर्ण किए जा सकते हैं।"
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