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रक्षा क्षेत्र में डिजाइन में भी आत्मनिर्भर होना चाहिए: भारतीय वायु सेना प्रमुख
रक्षा क्षेत्र में डिजाइन में भी आत्मनिर्भर होना चाहिए: भारतीय वायु सेना प्रमुख
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भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भरता केवल उत्पादन तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए
2023-03-21T17:11+0530
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भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भरता केवल उत्पादन तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि डिजाइन और विकास को भी शामिल करना चाहिए।दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब युद्ध भूमि, समुद्र, वायु, साइबर और अंतरिक्ष सभी क्षेत्रों में फैल जाएगा इसलिए हमें अंतरिक्ष में अपनी शुरुआती सफलताओं को भुनाने और भविष्य के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने अहम ठिकानों की सुरक्षा के लिए आक्रामक और रक्षात्मक अंतरिक्ष क्षमताओं के निर्माण और निर्देशित ऊर्जा हथियारों को विकसित करने का आह्वान किया।बता दें कि भारतीय वायु सेना ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के साथ आपसी हित के क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के माध्यम से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और उपकरणों के विकास को बढ़ावा देने और भारतीय रक्षा प्रणाली को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से फरवरी महीने में एयरो इंडिया 2023 के दौरान बेंगलुरु में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
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रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर, भारत सरकार की प्राथमिकता, अहम ठिकानों की सुरक्षा, निर्देशित ऊर्जा हथियारों, भारतीय रक्षा प्रणाली
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रक्षा क्षेत्र में डिजाइन में भी आत्मनिर्भर होना चाहिए: भारतीय वायु सेना प्रमुख
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब रक्षा निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भरता केवल उत्पादन तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि डिजाइन और विकास को भी शामिल करना चाहिए।
"आधुनिक प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास के मुख्य क्षेत्रों की पहचान करना, आवश्यकताओं को विशेष रूप से स्पष्ट करना और प्रौद्योगिकी को डिजाइन और विकसित करने के लिए उद्योग के साथ निकटता से बातचीत करना है," चौधरी ने कहा।
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब युद्ध भूमि, समुद्र, वायु, साइबर और अंतरिक्ष सभी क्षेत्रों में फैल जाएगा इसलिए हमें अंतरिक्ष में अपनी शुरुआती सफलताओं को भुनाने और भविष्य के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है।
साथ ही उन्होंने अहम ठिकानों की सुरक्षा के लिए आक्रामक और रक्षात्मक अंतरिक्ष क्षमताओं के निर्माण और निर्देशित ऊर्जा हथियारों को विकसित करने का आह्वान किया।
बता दें कि भारतीय वायु सेना ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के साथ आपसी हित के क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के माध्यम से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों और उपकरणों के विकास को बढ़ावा देने और भारतीय रक्षा प्रणाली को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से फरवरी महीने में
एयरो इंडिया 2023 के दौरान बेंगलुरु में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।